नई दिल्ली ,उत्तरी सिक्किम में भारी बारिश के चलते हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लाचुंग और चुंगथांग में फंसे 1,678 पर्यटकों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जबकि लाचुंग में अब भी 100 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं।मंगन जिले के छातेन क्षेत्र में सोमवार को एक सैन्य शिविर पर भूस्खलन की चपेट में आने से तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि छह अन्य अभी भी लापता हैं। मृतकों की पहचान लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनिश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा के रूप में हुई है। सेना, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
भारी बारिश से सड़कें बंद, पुल तबाह
राज्य के पुलिस महानिदेशक (ष्ठत्रक्क) अक्षय सचदेवा ने बताया कि कुछ पर्यटकों को गंगटोक पहुंचाया गया है, जबकि लाचेन में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास जारी है। मंगन जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर सड़कें बाधित हो गई हैं और दरारें पड़ गई हैं। लाचेन क्षेत्र में दो पुल पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं, जिससे लाचेन और लाचुंग की ओर जाने वाले सभी रास्ते कट गए हैं।
बीआरओ और सेना कर रही हैं सड़क बहाली की कोशिशें
सीमा सड़क संगठन (क्चक्रह्र) ने सड़क नेटवर्क की बहाली का काम शुरू कर दिया है, ताकि राहत सामग्री और रेस्क्यू टीमों की आवाजाही फिर से शुरू हो सके। एक अधिकारी के अनुसार, वाहनों के काफिले के माध्यम से पर्यटकों को फंदाग पहुंचाया गया, जिनमें 561 महिलाएं, 380 बच्चे और सात से अधिक पुरुष शामिल थे।
130 मिमी से ज्यादा बारिश, तीस्ता नदी उफान पर
बीते चार दिनों से पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश हो रही है। उत्तर सिक्किम में अब तक 130 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है। इसका सबसे ज्यादा असर लाचुंग, गुरुडोंगमार, लाचेन और फूलों की घाटी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पड़ा है। तीस्ता नदी में जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।