उत्तराखंड

दो महिलाओं सहित तीन दोषियों को तीन-तीन साल का कठोर कारावास

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रुद्रपुर। वर्ष 2017 में बच्चे के अपहरण में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने बरेली निवासी दो महिलाओं सहित तीन आरोपियों को दोषी करार देकर तीन-तीन साल का कठोर कारावास और 500 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस दौरान एडीजीसी ने न्यायालय में 6 गवाह पेश कर आरोप सिद्घ किया। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद न्यायालय ने अपना निर्णय सुनाया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि 21 सितंबर 2017 को थाना ट्रांजिट र्केप निवासी चरन सिंह ने बताया था कि 20 सितंबर की सुबह ग्यारह बजे उसका तीन का बेटा खाना खाकर घर के बाहर खेलने के लिए गया था। काफी देर तक जब वापस नहीं लौटा तो बेटे की खोजबीन की गई, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं लगा। मुकदमा दर्ज कर जांच के दौरान पुलिस ने नौ दिसंबर 2019 को गीता और मानदेई नाम की दो महिलाओं को गिरफ्तार कर पूछताछ की। पकड़ी गई महिलाओं ने बताया कि ढाई साल पहले उन्होंने एक बच्चे को उठाया था। उसे लावा खेड़ा बद्री प्रसाद बरेली लेकर गईं। जहां बच्चे को टंगे लाल नाम के एक व्यक्ति को बेच दिया था। पुलिस ने महिलाओं की निशानदेही पर गांव लावा खेड़ा बद्री प्रसाद बरेली में बताए गए घर पर दबिश देकर अपहरण किए गए बच्चे को बरामद कर लिया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस ने मूल रूप से बरेली के गांव लावा खेड़ा ब्रदी प्रसाद की ही रहने वाली गीता और मानदेई हाल निवासी थाना ट्रांजिट र्केप तथा टंगे लाल के विरुद्घ धारा 370,120 बी और 363 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट दाखिल कर दी। मामला तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला की अदालत में विचाराधीन था। शनिवार को एडीजीसी पटवा ने छह गवाहों को पेश कर आरोप सिद्घ कर दिया। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने तीनों अभियुक्तों को तीन-तीन साल का कठोर कारावास और पांच-पांच सौ रुपये का अर्थदंड किया।

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