टिड्डी हमला: दिल्ली सरकार ने सभी जिलों को हाईअलर्ट पर रखा, परामर्श जारी किया
नयी दिल्ली। टिड्डियों के दल के पड़ोसी गुरुग्राम और दिल्ली के कुछ सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने के बाद दिल्ली
सरकार ने सभी जिलों को हाईअलर्ट पर रखते हुए जिलाधिकारियों से कहा कि वे दमकल विभाग से कीटनाशक के
छिड़काव के लिये संपर्क करें ताकि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले इन कीटों के संभावित हमले को रोका जा सके।
दिल्ली के विकास आयुक्त द्वारा जारी एक परामर्श में कहा गया है कि लोग ढोल, बर्तन, तेज आवाज में संगीत बजाकर,
पटाखे छोड़कर या नीम की पत्तियों को जलाकर इन टिड्डियों को भगा सकते हैं।
परामर्श में लोगों से कहा गया है कि वे अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें और बाहर लगे पौधों को
प्लास्टिक की पन्नियों से ढक दें। जिलाधिकारियों को यह परामर्श भी दिया गया है कि वे पर्याप्त कर्मियों को तैनात कर
ग्रामीणों और लोगों को इन उपायों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं। इसमें कहा गया, श्टिड्डियों का दल आम तौर पर
दिन में उड़ता है और रात में आराम करता है। इसलिये, उन्हें रात के समय आराम नहीं करने दिया जाना चाहिए।श्
परामर्श में कहा गया, श्रात में मैलाथियान या क्लोरपाइरीफस का छिड़काव लाभदायक है। सुरक्षा के लिये छिड़काव के
दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल किया जा सकता है।श्
धौलपुर में टिड्डियों के दल ने हमला किया तो लोगों ने बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश की। धौलपुर के
जिला कलेक्टर राकेश जायसवाल ने बताया कि धौलपुर में अभी तक 5टिड्डी दलों की आने की सूचना मिली है जिसमें
से 2दल क्रस कर चुके हैं।एक दल मुरैना चला गया था लेकिन हवा परिवर्तित होने के कारण वापस धौलपुर सीमा में आ
गया है टिड्डी दलों की चौड़ाई 20-22 किलोमीटर लंबा है। हम उम्मीद करते हैं कि ये धौलपुर से बाहर चला जाएगा।
साथ ही अंबेडकरनगर में टिड्डियों के दल ने हमला किया। लोग बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश कर रहे
हैं। जायसवाल ने आगे कहा कि अगर टिड्डी बैठता है तो हमने इसके लिए प्राप्त व्यवस्था की है। और आम लोगों को भी
निर्देश दिया गया है कि वे ध्वनि और धुंआ करके टिड्डियों को भगाने की कोशिश करें।
इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें उन्हें
बताया गया कि टिड्डियों का एक दल दक्षिण दिल्ली के असोला भट्टी इलाके में भी पहुंच गया है। उन्होंने जिलों के
अफसरों से हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग को टिड्डियों के दल को भगाने के
लिये विभिन्न कदम उठाने के निर्देश दिये गए हैं।
उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से गुरुग्राम से लगे इलाकों का दौरा करने को भी कहा है। अधिकारियों ने बताया कि
विकास सचिव, मंडल आयुक्त, निदेशक,कृषि विभाग और दक्षिण तथा पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट बैठक में शामिल
हुए। अधिकारियों ने कहा, हालांकि ऐसा लग रहा है कि इन कीटों प्रकोप से राष्ट्रीय राजधानी फिलहाल बच जायेगी।
कृषि मंत्रालय के टिड्डी चेतावनी संगठन से जुड़े केघ् एल. गुर्जर ने कहा कि करीब दो किलोमीटर के क्षेत्र में फैले टिड्डी
दल ने पूर्वाह्न लगभग 11़ 30 बजे गुरुग्राम में प्रवेश किया। उन्होंने बताया कि टिड्डी दल बाद में हरियाणा के पलवल
की ओर बढ़ गए। षि मंत्रालय के मुताबिक, टिड्डों का एक दल दिल्ली में द्वारका की तरफ बढ़ गया, वहां से दौलताबाद,
गुरुग्राम, फरीदाबाद और यह झुंड उत्तर प्रदेश में भी प्रवेश कर गया। गुरुग्राम के अनेक निवासियों ने ऊंची इमारतों से
टिड्डियों के पेड़-पौधों पर और मकानों की छतों पर छा जाने के वीडियो साझा किए।
गौरतलब है कि मई में देश में टिड्डी दलों ने पहले राजस्थान में हमला किया। इसके बाद इन्होंने पंजाब, गुजरात,
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में फसलों को नुकसान पहुंचाया। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में मुख्य रूप से टिड्डियों की चार
प्रजातियां पाई जाती हैं – रेगिस्तानी टिड्डी, प्रवासी टिड्डी, बम्बे टिड्डी और वृक्ष टिड्डी। इनमें से रेगिस्तानी टिड्डे को
सबसे विनाशकारी माना जाता है। यह कीट तेजी से अपनी संख्या बढ़ाता है और एक दिन में 150 किलोमीटर की दूरी
तय करने में सक्षम है। यह कीट अपने शरीर के वजन से अधिक खा सकता है। एक वर्ग किलोमीटर के टिड्डियों के झुंड
में लगभग चार करोड़ टिड्डियां हो सकती हैं और ये 35 हजार लोगों के बराबर का अन्न खा सकती हैं। विशेषज्ञ टिड्डियों
के इस बढ़ते खतरे की वजह जलवायु परिवर्तन को बताते हैं।