रविवार शाम द्वारीखाल के हलसी में लता देवी को मनाया था शिकार
देर रात वन विभाग ने बाघ को कैद करने के लिए लगाया था पिंजरा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : रविवार शाम द्वारीखाल के ग्राम हलसी में महिला लता देवी को शिकार बनाने वाला बाघ पिंजरे में कैद हो गया है। बाघ के कैद होने के बाद ग्रामीणों व वन विभाग ने चैन की सांस ली।
मालूम हो कि, रविवार को गांव के समीप खेत में बकरी चुगाने गई लता देवी को बाघ ने अपना शिकार बना दिया था। घटना के बाद ग्रामीणों ने लता देवी का शव खेतों से बरामद किया था। सूचना के बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। लेकिन, ग्रामीण बाघ को शूट नहीं करने तक शव को मौके से नहीं उठाने की जिद पर अड़े हुए थे। इस दौरान ग्रामीणों ने शव के समीप वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन के दौरान अचानक बाघ मौके पर धमक गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। देर रात तक ग्रामीण वन विभाग से बाघ को आदमखोर घोषित कर शूट करने की मांग पर अड़े हुए थे। रात करीब 11 बजे वन विभाग ने शव के समीप पिंजरा लगाया और कुछ देर बाद ही बाघ पिंजरे में कैद हो गया। बाघ पिजरें में कैद होने के बाद हलसी, जवाड़, विस्ताना, कांडाखाल, बनाली पल्ला, बिरमोली, बड़ेथ, सुंडल, उड़ियारी, दीवा सहित आसपास के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। उप प्रभागीय वनाधिकारी रजत कपिल ने बताया कि पकड़े गए नर बाघ की उम्र करीब 12 वर्ष है और उसका निचला कैनाइन टूटा हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि कैनाइन टूटने के कारण बाघ वन्य जीवों का शिकार नहीं कर पा रहा था।