जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जनपद पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल ब्लॉक में बाघ और गुलदार की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। जयहरीखाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत अमलेसा के तोक गांव डाल्यूंगाज में शुक्रवार को बाघ की चहलकदमी दिखाई दी। सूचना पर प्लेन रेंज के रेंजर अमोल इष्टवाल टीम के साथ मौके पर पहुंच गए हैं। क्षेत्र में दोबारा बाघ की सक्रियता दिखने से ग्रामीणों में दहशत बनी है। केटीआर से सटे गांवों में बाघ और गुलदार की सक्रियता को देखते हुए लैंसडौन वन प्रभाग भी अलर्ट मोड पर है।
बता दें कि ग्राम पंचायत अमलेसा के तोक गांव डाल्यूंगाज में विगत पांच दिसंबर को पशुओं के लिए चारापत्ती काट रही महिला उर्मिला देवी (60) पर बाघ ने हमलाकर मार डाला था। घटना के बाद टाइगर ने अपनी लोकेशन बदल ली। 10 दिसंबर को बाघ की सक्रियता पहले ग्रामसभा सेंधी के गुणेथा गांव में देखी गई। बाघ के हमले में एक महिला बाल-बाल बची। इसके बाद बाघ की चहलकदमी जोगटा गांव के निकट फुलणसैंण में दिखाई दी। वन विभाग की टीम ने टाइगर को ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। बृहस्पतिवार को वन विभाग की टीम ने पूरा क्षेत्र खंगाल डाला, लेकिन कहीं भी बाघ की चहलकदमी नजर नहीं आई। शुक्रवार को बाघ की चहलकदमी डाल्यूंगाज में पुन: उसी स्थान पर देखी गई जहां पर बाघ ने उर्मिला देवी को मारा था। सूचना मिलने पर कालागढ़ टाइगर रिजर्व (केटीआर) वन प्रभाग के प्लेन रेंज के रेंजर के नेतृत्व में लैंसडौन वन प्रभाग व कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई है। उन्होंने क्षेत्र में निगरानी के लिए सशस्त्र वनकर्मियों को तैनात कर टाइगर की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। कार्बेट के पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत कुमार के नेतृत्व में ट्रैंकुलाइज, एसओजी व रेस्क्यू टीम ने भी गांव में डेरा डाल दिया है।