नई दिल्ली , रक्षा मंत्रालय ने रक्षा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में लगने वाले समय को काफी कम कर दिया है। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस सुधार से सैन्य उपकरणों की खरीद में लगने वाला काफी समय बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद में व्यापक सुधार और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। दिल्ली में एक रक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा सचिव ने बताया कि इस सुधार के बाद रक्षा खरीद की पूरी प्रक्रिया में लगभग 69 सप्ताह का समय बचेगा।
रक्षा सचिव ने बताया कि रक्षा खरीद प्रक्रिया 2020 में बदलाव किए जा रहे हैं। इन बदलावों के तहत, पारंपरिक नामांकन-आधारित लागत-प्लस खरीद प्रणाली को प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण मॉडल में बदला जा रहा है। इस नई प्रणाली के तहत सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की कंपनियां ऑर्डर के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकेंगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पोत निर्माण और एएमसीए (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) प्रोजेक्ट में पहले ही इन बदलावों को लागू कर दिया गया है।
राजेश कुमार सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने सीआईआई बिजनेस समिट में रक्षा परियोजनाओं में हो रही देरी, अवास्तविक समयसीमा निर्धारण और व्यवस्थागत मुद्दों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने इन ??????ों के कारण सेना की परिचालन तैयारियों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखने की आवश्यकता और विकसित भारत के विजन को साकार करने में आत्मनिर्भरता की भूमिका पर भी जोर दिया था। उन्होंने निजी उद्योगों से घरेलू रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) और पूंजीगत उपकरणों में भारी निवेश करने का आह्वान किया था।