सभ्य समाज के लिए शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक: सुनील
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राजकीय इंटर कॉलेज कुंभीचौड़ के शिक्षक सुनील रावत ने कहा कि निरक्षरता अंधेरे के समान है और साक्षरता प्रकाश के समान है, इसलिए व्यक्ति का साक्षर होना अति आवश्यक है। जिससे व्यक्ति को अपने मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों का ज्ञान हो सके और वह समाज के प्रति अपने अधिकारों एवं दायित्व का निर्वहन भली-भांति कर सके। एक सभ्य समाज के लिए लोगों का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को सरकार की शिक्षा सम्बन्धी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रचार करना चाहिए। छोटे से प्रयास से अंधकारमय जीवन में एक नया दीपक जला सकता है, क्योंकि शिक्षा रोजगार एवं पैसे से अधिक स्वयं के विकास के लिए आवश्यक है।
सुनील रावत ने कहा कि वर्ष 1966 में पहला विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया था और वर्ष 2009-2010 को संयुक्त राष्ट्र साक्षरता दशक घोषित किया गया। तभी से लेकर आज तक पूरे विश्व में 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी को संकल्प लेना होगा कि शिक्षा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाय। हालांकि शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए सालों से काम किया जा रहा है, लेकिन उसकी ज्वाला उतनी तीव्रता से धधक नहीं पा रही है। आवश्यक नहीं है कि इसके लिए हमें कोई बड़े काम से शुरूआत करनी है। इसके लिए छोटे स्तर पर भी प्रयास किये जा सकते है, प्रयास छोटे नहीं होते है बल्कि महत्व और उद्देश्य बड़ा होता है। हमारी छोटी-छोटी कोशिशें भी कई बार बड़ा आकार लेने में सक्षम होती हैं। यदि आप घर पर किसी गरीब बच्चे को न पढ़ा पाए तो अपने क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर कोई छोटा सा समूह बनाकर उसके स्कूल जाने की व्यवस्था अवश्य कर सकते हैं। कुछ समय निकालकर उन पिछड़े क्षेत्रों व लोगों के बीच शिक्षा के महत्व को समझा सकते हैं, जहां शिक्षा से आवश्यक मजदूरी और ज्ञान से आवश्यक भोजन होता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान के प्रकाश से वंचित तबके को इस बात का आभास कराया जा सकता है कि शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है। सुनील रावत ने कहा कि जिस देश ने सभ्यता और ज्ञान को अपनाया है उसका विकास तेज गति से हुआ है और इतिहास इस बात का साक्षी है। एक शिक्षित व्यक्ति में वो क्षमता है जो परिवार और देश की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व साक्षरता दिवस शिक्षा को प्राप्त करने और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।