रंगकर्म को व्यक्तित्व विकास को जरूरी बताया

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श्रीनगर गढ़वाल : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के लोक कला संस्कृति विभाग की ओर से चार दिवसीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पूर्व आईएफएस प्रवीण थपलियाल ने आयोजन की सराहना करते हुए रंगकर्म को व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी बताया।
चार दिवसीय नाट्य महोत्सव के पहले दिन कलाकारों ने तुगलक नाटक की प्रस्तुति दी। नाटक के कथानक के अनुसार मो. तुगलक चरित्र विरोधाभाव में जीने वाला एक ऐसा बादशाह था, जिसे इतिहासकारों ने उसकी सनकों के खब्ती करार दिया। उसने अपनी सनक के कारण राजधानी बदली और तांबे के सिक्के का मूल्य चांदी के सिक्के के बराबर कर दिया। नाटक मात्र तुगलक के गुण दोषों तक ही सीमित न रहकर उस समय की परिस्थितियों और भावनाओं को भी अभिव्यक्त किया गया। इस मौके पर रेनबो स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. रेखा उनियाल, प्रो. डीआर पुरोहित, महेश डोभाल, डॉ. सर्वेश उनियाल, जय कृष्ण पैन्यूली, डॉ. पंकज, डॉ. नागेंद्र रावत, डॉ. राहुल आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)

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