तोशाखाना मामला: इमरान की गिरफ्तारी के बाद लाहौर हाईकोर्ट पहुंची ढळक, कहा- बंदूक की नोक पर किया अपहरण
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तोशाखाना केस में इमरान खान को जिला-सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया है। उन्हें इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है। बताया गया है कि सजा के एलान के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान को लाहौर से गिरफ्तार कर लिया।
इस्लामाबाद की अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इमरान पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि जुर्माना न देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा। दिलावर ने अपने फैसले में कहा, “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा करने के आरोप सही साबित हुए हैं।”
अदालत के फैसले के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने पंजाब पुलिस की मदद से इमरान को उनके लाहौर स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। इमरान के परिवार ने यह जानकारी दी। उनकी पार्टी ने बताया कि इमरान को पंजाब की ही कोट लखपत जेल ले जाया गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अताउल्लाह तरार ने इमरान की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “यह बाद में तय किया जाएगा कि उन्हें रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा जाएगा या कहीं और।”
इस बीच, पीटीआई ने आज लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल में इमरान की गिरफ्तारी को पंजाब पुलिस द्वारा ‘बंदूक की नोक पर अपहरण’ करार दिया। याचिकाकर्ता और पार्टी के अतिरिक्त महासचिव उमैर नियाजी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह बिना किसी देरी के उनकी याचिका पर सुनवाई करे और पंजाब पुलिस व सरकार को निर्देश दे कि पूर्व प्रधानमंत्री को उसके समक्ष पेश किया जाए ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा, सरकार ने खान को अवैध हिरासत में रखा है। इमरान खान आज दोपहर 12:45 बजे अपने जमान पार्क स्थित आवास पर एख बैठक में भाग ले रहे थे, जब करीब दो सौ पुलिसकर्मी घर के अंदर घुस गए और बंदूक की नोक पर उनका अपहरण कर लिया। वे उन्हें अवैध हिरासत में रख रहे हैं। वहीं, लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने खान को दोषी ठहराए जाने की निंदा करते हुए कहा, ‘यह न्याय का वध और निष्पक्ष सुनवाई से संबंधित कानून का उल्लंघन है।’
गौरतलब है कि तोशाखाना मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर दायर किया गया था। ईसीपी इससे पहले इसी मामले में खान को अयोग्य करार दे चुकी थी। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पिछले साल 21 अक्तूबर को खान को झूठे बयान और गलत जानकारी देने के आरोप में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।
गिरफ्तारी से पहले इमरान खान ने दावा किया कि उनकी पार्टी अगले चुनावों में जीत हासिल करेगी। शहबाज सरकार सैन्य प्रतिष्ठान की जांच की आड़ में उनके समर्थकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है। इससे केवल पीटीआई का वोट बैंक बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों की जांच तो बहाना है, इनके द्वारा पहले ही मेरी पार्टी को कुचलने की योजना बनाई गई। इमरान बोले कि जब पार्टी का वोट बैंक बढ़ रहा है तो आप उसे कैसे कुचलेंगे? पीटीआई प्रमुख इमरान ने कहा कि अदालतें उनका कार्यालय बन गई हैं जहां वह रोजाना सुनवाई के लिए जाते हैं।