पकड़ा गया लैंसडौन व सीटीआर में बाघों का शिकार करने वाला तोताराम, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
xजयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून। 9 साल पहले कार्बेट टाईगर रिजर्व व लैंसडौन के जंगलों में बाघों व अन्य वन्य जीवों का शिकार करने वाला अंतर्राष्ट्रीय वन्य जीव अंग तस्कर संसार चंद गैंग का सदस्य बीरबल उर्फ गोपी उर्फ तोताराम को गिरफ्तार करने में उत्तराखण्ड एसटीएफ व वन विभाग को सफलता मिली है। गिरफ्तार तोताराम ने अपनी गिरफ्तारी के बाद नेशनल कॉर्बेट पार्क, दुधवा नेशनल पार्क सहित लैंसडौन के जंगलों में आज से 9 साल पहले बाघों का शिकार करने की बात कबूली है।
विगत दिनों स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ उत्तराखण्ड को सूचना प्राप्त हुई कि अंतराष्ट्रीय वन तस्कर/शिकारियों का गिरोह उत्तराखण्ड राज्य के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क व राजाजी पार्क में वन्य जीव जन्तुओं के शिकार के लिये सक्रिय हो गये है। उक्त क्रम में एक माह पूर्व वन्य जीव से सम्बन्धित अपराधियों की तलाश हेतु निरीक्षक संदीप नेगी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। इस पर टीम द्वारा विगत 12 वर्षों से रेंज केस स. 31/2009-10 17 नवम्बर 2009 वन प्रभाग तराई पूर्वी, हल्द्वानी एवं मु.अ.स. 1223/2012 धारा 51 वन्य जीव जन्तु अधिनियम में वांछित/फरार बीरबल उर्फ गोपी उर्फ तोता राम निवासी गंदा नाला पानीपत हरियाणा की गिरफ्तारी हेतु पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश व नेपाल के जंगलों में सूचना संकलन किया गया।
मंगलवार 25 मई को अभियुक्त उक्त के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हुई कि खटीमा के जंगलो में छिपा हुआ है। इस पर तत्काल कार्यवाही करते हुये एसटीएफ एवं वन विभाग की संयुक्त टीम का गठन कर तलाश के लिए भेजा गया। टीम द्वारा खटीमा वन प्रभाग क्षेत्र नखाताल ब्लाक कंपार्ट संख्या-1 से उक्त बीरबल उर्फ तोताराम को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में बताया गया कि विगत कुछ वर्षों से वह पंजाब, हरियाणा एवं नेपाल के जंगलो में छिपा हुआ था। कोविड-19 महामारी के दौरान वह अपने गैंग को फिर से सक्रिय कर जंगलों में वन्य जीव जन्तुओं का शिकार कर अन्तराष्ट्रीय बाजार में बेचना चाहता था। बीरबल उर्फ गोपी उर्फ तोता पूर्व में अन्तराष्ट्रीय तस्कर संसार चंद के गिरोह में था, संसार चंद की वर्ष 2012 में मृत्यु के पश्चात् भीमा के साथ मिलकर अपना गिरोह बनाकर शिकार करने लगे तथा वन्य जीव का शिकार कर उनके अंग एवं खाल को अन्तराष्ट्रीय बाजार में बेचा करते है।
वर्ष 2012 मई माह में कॉर्बेट टाईगर रिजर्व में बाघों का शिकार हुआ था, जिस सम्बन्ध में अलग-अलग टीमों द्वारा जांच एवं दबिश दी गई, जिसमें 8 बावरिया हरियाणा राज्य में गिरफ्तार हुये थे। जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था। भीमा उक्त अभियोग में वांछित था जो कि माह फरवरी 2012 में गुडगांव से गिरफ्तार हुआ था, पूछताछ में बताया कि उसने वर्ष 2011 व 2012 में बीरबल उर्फ गोपी उर्फ तोता राम निवासी गन्दा नाला पानीपत हरियाणा के साथ मिलकर लैंसडौन के जंगल में 2 बाघों का शिकार किया था। वन्य जीव जन्तुओं के उत्तराखण्ड राज्य में बढ़ते शिकार के सम्बन्ध में उच्च न्यायालय, नैनीताल में योजित रिट याचिका (पीआईएल) 06/2012 हिमालय युवा ग्रामीण विकास संस्थान बनाम उत्तरखण्ड राज्य में उच्च न्यायालय की खण्डपीठ द्वारा वन्य जीवों के अवैध शिकार के दृष्टिगत वन्य जीवों का अवैध शिकार करने वाले शिकारियो को पकड़ने हेतु स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम, एक राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में गठित किये जाने के निर्देश पारित किये गये थे। इस क्रम में स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ के नेतृत्व में पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक, उपनिरीक्षक-1, मुख्य रक्षी-1, आरक्षी-2 की टीम गठित की गई थी। जिनके द्वारा वर्तमान तक वन्य जीव जन्तु अपराधों से सम्बन्धित कुख्यात 8 वाछिंत अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। टीम में निरीक्षक संदीप नेगी, उपनिरीक्षक यादवेन्द्र बाजवा, उपनिरीक्षक बृज भूषण गुरूरानी, हेड कांस्टेबल वेद प्रकाश भट्ट, कांस्टेबल बृजेन्द्र चौहान, महेन्द्र नेगी, लोकेन्द्र कुमार, महेन्द्र गिरी, वन विभाग से वन दरोगा संतोष सिंह भंडारी,
वन दरोगा भैरव सिंह बिष्ट आदि शामिल थे।
एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये गये अभियुक्त बीरबल उर्फ तोता राम के अभियोगो का विवरण:-
रेंज केस संख्या 57/31/91/92 दुधवा नैशनल पार्क, उत्तर प्रदेश।
रेंज केस संख्या 25/2006-2007 उत्तर प्रदेश।
रेंज केस संख्या 14 अक्तूबर 2011 शारदा रेंज उत्तराखण्ड।
मु.अ.स. 1223/12 धारा 51 वन्य जीव जन्तु संरक्षण अधिनियम, उधमसिंहनगर।
21 मई 2013 थाना बनबसा, उधमसिंह नगर।