खरसाली यमुना मंदिर प्रांगण में व्यापारियों का धरना

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उत्तरकाशी(। यमुनोत्री धाम जाने वाले यात्रियों के छोटे वाहनों को पाली गाड़ से आगे जानकीचट्टी तक नहीं जाने दिए जाने को लेकर स्थानीय लोगों एवं यमुनोत्री यात्रा से जुड़े व्यवसायियों ने खरसाली यमुना मंदिर प्रांगण में धरना दिया। पूर्व में लोगों ने स्थानीय प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा था और यात्रियों के छोटे वाहनों को भी जानकीचट्टी तक छोड़ने की मांग की, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नही मिलने पर उक्त लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मानसून सीजन के बाद बीते मंगलवार को शुरू हुई यमुनोत्री धाम की यात्रा के अंतर्गत पाली गाड़ से आगे जानकीचट्टी तक यात्रियों को जाने के लिए शटल सेवा लगाकर लोकल छोटे वाहनों से भेजा जा रहा है, लेकिन स्थानीय एवं यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोग पाली गाड़ से आगे छोटे यात्री वाहनों को भी जानकीचट्टी तक जाने देने की मांग कर रहे हैं। इन दिनों यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू होने के बाद यात्रियों के आने का सिलसिला भी तेज हो गया है। बंद सड़क मार्ग के खुलने के बाद पाली गाड़ से आगे यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए बड़े वाहनों को नहीं जाने दिया जा रहा है और यहां से पुलिस, प्रशासन द्वारा शटल सेवा लगाकर यात्रियों को यमुनोत्री धाम की यात्रा पर भेजा जा रहा है। लेकिन स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि पाली गाड़ से आगे जब छोटे वाहन जा रहे हैं तो, यात्रियों के छोटे वाहनों को भी जाने दिया जाय। उसको लेकर जिलाधिकारी ने भी स्थानीय लोगों को भरोसा दिया था कि आज से यात्रियों के छोटे वाहनों को भी जानकीचट्टी तक छोड़ा जाएगा, लेकिन आज भी पाली गाड़ में ही यात्रियों के छोटे वाहनों का जमावड़ा लगा रहा, जिन्हें आगे नही जाने दिया। जिस पर यहां पहुंचे श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोगों एवं यमुनोत्री धाम के यात्रा व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों ने गहरी नाराजगी व्याप्त की। स्थानीय लोगों में रणवीर राणा, नारायण पुरी के पूर्व प्रधान गजेन्द्र सिंह रावत, मनमोहन उनियाल , नारायण उनियाल, सुरेश उनियाल,पवन उनियाल, बिरेंद्र कफोला, खिलानंद उनियाल, पंकज रावत,विजय पंवार, मोहन सिंह, राकेश रावत आदि ने खरसाली यमुना मंदिर प्रांगण में धरना दिया। कहा कि शासन प्रशासन पर यमुनोत्री धाम की हर कदम पर उपेक्षा कर रहा है जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यमुना मंदिर परिसर खरसाली में अगली रणनीति तैयार की जा रही है और कहा कि जरुरत पड़ी हो घोड़े खच्चर डडी कडी का संचालन बंद करने के साथ ही होटल ढाबों को बंद रखा जाएगा।

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