राष्ट्रीय राजमार्ग पर आया पहाड़ी का हिस्सा, कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य बंद रहा यातायात
वर्षाकाल में चुनौती बन रहा कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य 15 किलोमीटर का सफर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : वर्षा काल में कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य 15 किलोमीटर का सफर चुनौती बनता जा रहा है। बुधवार सुबह दुर्गामाता मंदिर के समीप पहाड़ी का हिस्सा टूटकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया। गनीमत तो यह रही कि घटना के समय उक्त स्थान से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था। जिससे एक बड़ा हादसा होने से बच गया। पहाड़ी से गिरे बोल्डर के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग का आधा हिस्सा भी खोह नदी में समा गया। मलबा व बोल्डर हटाने में दस घंटे से अधिक का समय लग गया। इस दौरान पहाड़ आने व जाने के लिए दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लगा हुआ था।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। बुधवार सुबह करीब छ: बजे बारिश के दौरान दुर्गा माता मंदिर से सौ मीटर आगे पहाड़ी का हिस्सा टूटकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने की सूचना मिलते ही पुलिस ने पहाड़ जाने वाले वाहनों को सिद्धबली के समीप ही रोक दिया था। जबकि, पहाड़ से मैदान को आने वाले वाहनों को दुगड्डा चौकी की समीप रोका गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात विभाग की जेसीबी व पोकलैंड मशीने तुरंत ही बोल्डर को हटाने के लिए पहुंच गई थी। लेकिन, भारी बोल्डर से राष्ट्रीय राजमार्ग का आधा हिस्सा भी नदी में समा गया था। बचे हुए हिस्से का बोल्डर हटाते ही पहाड़ी पर फंसा मलबा व बोल्डर भी लगातार नीचे गिर रहा था। जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग से बोल्डर हटाने में समय लग गया। दोपहर में करीब साढ़े तीन बजे मलबा पूरी तरह साफ होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग को वाहनों के लिए खोल दिया गया। लेकिन, राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा ढहने के कारण भारी वाहनों की आवाजाही बंद रही।
भूखे प्यासे रहे यात्री
भले ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा आने की सूचना मिलते ही पुलिस ने पहाड़ व मैदान को जाने वाले वाहनों को रोक दिया था। लेकिन, करीब दो सौ से अधिक ऐसे वाहन से जो प्रभावित क्षेत्र के आसपास फंसे हुए थे। ऐसे में उक्त स्थान से कोटद्वार व दुगड्डा दूर होने के कारण यह यात्री पूरे दिन भूखे-प्यासे रहे। हालांकि, कुछ यात्री पैदल ही दुगड्डा व कोटद्वार के लिए निकलते हुए भी नजर आ रहे थे। दोपहर में साढ़े तीन बजे राष्ट्रीय राजमार्ग खुलने के बाद ही यात्रियों ने राहत की सांस ली।