लंबित विवेचनाओं का पारदर्शिता से निराकरण करें: एसएसपी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल पी. रेणुका देवी ने कोतवाली कोटद्वार का आकस्मिक निरीक्षण किया। एसएसपी ने पुलिस कर्मियों की समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारियों को निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मी जनता के साथ अच्छा व्यवहार करें। बीट कांस्टेबल क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी के साथ-साथ आमजन के साथ बेहतर समन्वय बनाये। एसएसपी ने लंबित विवेचनाओं का पारदर्शिता से निराकरण करने को कहा। थाने पर प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों को महिला हेल्प डेस्क के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार तत्काल निस्तारण करें।
एसएसपी ने कोतवाली परिसर का भ्रमण कर साफ-सफाई का जायजा लिया। तत्पश्चात थाना कार्यालयों में रखे अभिलेखों की जानकारी ली। इसके बाद बैरिक, मेस, कम्प्यूटर कक्ष, सीसीटीएनएस, सीसीटीवी कैमरे, कम्प्यूटर उपकरणों आदि का निरीक्षण किया। एसएसपी ने प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार को शिकायतकर्ताओं की शिकायतों को प्राप्त कर उनका नियमानुसार त्वरित निस्तारण करने एवं कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव के दृष्टिगत आमजन को जागरूक करने, राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिये। साथ ही प्रभारी निरीक्षक को कार्मिकों का अनुशासन/टर्नआउट उच्च कोटि का बनाऐ रखने, बैरिकों व आवासीय परिसर को साफ-सुथरा रखने, सरकारी सम्पत्ति का रखरखाव व देखभाल करने, अभिलेखों को अध्यावधिक करने व उच्चाधिकारियों से प्राप्त दिशा निर्देशो का शत प्रतिशत पालन करने के निर्देश दिये।
एसएसपी ने बीईएली रोड में फायर सर्विस के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने अग्निशमन अधिकारी कोटद्वार को जीवन रक्षा कार्यों जैसे किसी बिल्डिंग में आग लगना, वाहन दुर्घटनायें होने, प्राकृतिक आपदा के आने पर मानव जीवन को बचाये रखने, समय से घटनास्थल पर पहुंचकर घटना का निवारण करने के निर्देश दिये। एसएसपी ने कहा कि किसी भी आपदा या आग लगने की सूचना पर त्वरित रिस्पांस करते हुये तत्काल घटनास्थल पर समुचित आपदा व फायर उपकरणों के साथ पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य किया जाय। घटना स्थल पर जाने वाले प्रत्येक कर्मचारी निर्धारित वर्दी, बूट, जैकेट आदि धारण करेंगे। किसी भी घटना की सूचना प्राप्त होने पर घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को देगें। फायर सर्विस टीम त्वरित कार्यवाही हेतु तैयारी की दशा में रहेगें। किसी भी आपदा की घड़ी में 24 घंटे में फायर उपकरणों को कार्यशील दशा में रखेंगे।