नहर क्षतिग्रस्त होने से अधर में लटका रोपाई का कार्य

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उत्तरकाशी। पुरोला ब्लॉक के रामा सिराईं, कमल सिराईं में धान की रोपाई चरम पर है, किसानों के प्रति संवेदनशील होने के सरकार के दावे तब दम तोड़ते नजर आते हैं, जब क्षेत्र के किसानों की धान की पौध तैयार हो, लेकिन नहरों की बदहाली से खेत सूखे हों जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। मामला पुरोला ब्लॉक के करड़ा, मैराणा के दराऊ नामे तोक में लघु सिंचाई की दशकों पूर्व बनी नहर की खस्ताहाल से काश्तकारों की धान रोपाई का कार्य अधर में लटका है। जहां काश्तकार तैयार धान की बीजाड़ को लेकर खासे चिंता में हैं कि सिंचाई नहर में अगर पानी नहीं चला तो कैसे रोपाई होगी। क्षेत्र के काश्तकार जयेंद्र सिंह,केदार सिंह, प्रताप सिंह रावत, गब्बर सिंह, दीवान सिंह, जगमोहन, शैलेन्द्र सिंह आदि ग्रामीणों ने लघु सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन नहर की हालात जस के तस पड़ी है उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों पूर्व यंहा लिफ्टिंफ योजना बनी नहर बनाई गयी लेकिन काश्तकारों को सिंचाई का लाभ नही मिला जबकि पिछले वर्ष नहर के मुयाने पर चेकडैम बनाकर प्लास्टिक के पाइप से अस्थायी व्यवस्था बनाई गई थी मरम्मत के नाम से कई बार सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया लेकिन नहर की दशा जस के तस बनी है। वहीं धान की रोपाई का सीजन चरम पर है, लेकिन लघु सिंचाई के पास नहर को सुचारू करने के लिए बजट नही है। ग्रामीणों ने कहा कि विभागीय अधिकारियों से फिलहाल रोपाई करने को अस्थायी व्यवस्था करने को गुहार लगाई, लेकिन विभाग के पास अस्थायी व्यवस्था के लिए प्लास्टिक पाइप तक की व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यदि लघु सिंचाई विभाग के पास प्लास्टिक के पाइप लगवाने तक की व्यवस्था नहीं है तो नहर को लघु सिंचाई से हटाकर सिंचाई विभाग को स्थानांतरित करने व धान रोपाई के लिए पानी की अस्थायी व्यवस्था करने की मांग की।

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