ऑनलाइन एप के माध्यम से दिल्ली व देहरादून रूट पर की जाती है बुकिंग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : निजी वाहन चालक ऑनलाइन एप के माध्यम से सवारियां ढोकर परिवहन निगम को चूना लगा रहे हैं। पूर्व में अभियान चलाने के बाद भी सिस्टम इन निजी वाहन संचालकों की मनमानी को नहीं रोक पाया है। ऐसे में कैसे परिवहन निगम की आर्थिकी में बढ़ोत्तरी होगी यह बड़ा सवाल है।
कोटद्वार को गढ़वाल का द्वार कहा जाता है। कोटद्वार से प्रतिदिन बड़ी तादाद में यात्री पहाड़ व मैदान की तरफ आवागमन करते हैं। यात्रियों के लिए परिवहन निगम की ओर से दिल्ली रूट में प्रतिदिन 22 व देहरादून रूट पर 17 बसों का संचालन किया जाता है। त्योहार सीजन में तो परिवहन निगम को पर्याप्त सवारियां मिल जाती हैं। लेकिन, अन्य महीनों में परिवहन निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इसका मुख्य कारण कोटद्वार से मैदानी रूट को सवारी ढो रहे निजी वाहन हैं। दरअसल, एक एप के माध्यम से निजी वाहन चालक सवारियां बुक करते हैं। सवारियां वाहन चालकों द्वारा बताए स्थान पर पहुंच दिल्ली-देहरादून के लिए रवाना होती हैं। सवारियां भी बस के हिचकोले खाने के बजाए थोड़ा अधिक किराया देकर आराम से सफर करते हैं। यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि कुछ माह पूर्व परिवहन विभाग ने अभियान चला कर एप के जरिए सवारियां एकत्र कर देहरादून की ओर जा रहे एक निजी वाहन को दबोच लिया था। माना जा रहा था कि इस कार्यवाही के बाद एप के जरिए सवारियां बुक करने के मामले कम होंगे। लेकिन, हालात पूरी तरह विपरीत रहे। आज भी प्रतिदिन 15-20 निजी वाहन एप के जरिए सवारियां ढो रहे हैं।