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यात्रा सीजन : जीएमओयू बैठा लाचार, चांदी काट रहे ट्रेवल एजेंट

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-ट्रेवल एजेंट महंगे दामों पर यात्रियों को आकर्षित करने में हो रहे सफल
-जीएमओयू सस्ती दरों के बावजूद यात्रियों को अपनी ओर खींचने में हो रहा फेल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण के चलते जीएमओयू को काफी घाटा उठाना पड़ा, जिससे इस साल यात्रा सीजन में मुनाफे को लेकर जीएमओयू काफी दबाव में है। ऐसा नहीं है कि इस साल उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या कम है, बल्कि पिछले सालों की तुलना में इस साल बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड के विभिन्न पर्यटन स्थलों के साथ चार धाम यात्रा का रुख कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद जीएमओयू उस स्तर का मुनाफा कमाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है। जीएमओयू के मुनाफे के रास्ते में आ रहे हैं निजी ट्रेवल एजेंट जो जीएमओयू की तुलना में महंगे दामों पर सेवाएं देने के बावजूद यात्रियों को अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर रहे हैं और जीएमओयू सिर्फ मुंह देखता रह जा रहा है।
चार धाम यात्रा शुरू होते ही गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन (जीएमओयू) को भी पंख लगने की उम्मीद दिखने लगती है। आमतौर पर यह उम्मीद सही भी साबित होती है और जीएमओयू को यात्रा से अच्छा खासा मुनाफा होता है। इस बार कोरोना के साये से उभरने के बाद उत्तराखंड पर्यटन के क्षेत्र में लंबी-लंबी छलांग लगा रहा है। जिससे सरकार के साथ ही जीएमओयू जैसी कंपनियों को अच्छे मुनाफे की उम्मीद दिख रही है। हालांकि, जीएमओयू कंपनी बेहतर मैनेजमेंट न होने के चलते उस स्तर का मुनाफा नहीं कमा पा रही है, जैसा वह कमा सकती है। दरअसल, निजी ट्रेवल एजेंट ऑनलाइन सेवाएं देने के साथ ही कई आकर्षक ऑफर यात्रियों को दे रहे हैं। हालांकि, यह ऑफर भी जीएमओयू की सेवाओं के तुलना में महंगे हैं, लेकिन उसके बावजूद यात्री टे्रवल एजेंट से अपनी यात्रा की सारी व्यवस्थाएं करा रहे हैं। जबकि, सालों से ट्रेवल के क्षेत्र में कार्य कर रहा जीएमओयू ऐसा करने में असफल हो रहा है। जीएमओयू कोटद्वार के सचिव विजय पाल नेगी का कहना है कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि यात्री सबसे पहले हमारे पास आएं, लेकिन ट्रेवल एजेंटों की यात्रियों तक अच्छी पहुंच होने के चलते वह आसानी से बुकिंग ले रहे हैं। इसके बदले में वह यात्रियों से अच्छे खासे पैसे भी वसूल रहे हैं, जबकि जीएमओयू उनकी तुलना में काफी कम पैसे वसूल रहा है। यदि यात्री सीधे जीएमओयू के पास बुकिंग के लिए आते हैं तो उन्हें सस्ती दरों पर अच्छी सेवाएं मिल सकेंगी और कंपनी को भी अच्छा मुनाफा होगा।

यात्रियों को असुविधा होने से प्रदेश का नाम भी होता है खराब
जीएमओयू कोटद्वार के सचिव विजय पाल नेगी का कहना है कि उनकी कंपनी साल भर रोज की सेवाओं पर विशेष ध्यान देती है, जबकि निजी ट्रेवल एजेंट पूरे साल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने की ही तैयारी करते रहते हैं। ऐसे में वह अपने डिजिटल मार्केटिंग को काफी मजबूत कर देते हैं। जिससे यात्री सीधे उनसे जुड़ने में सहूलियत महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसके कुछ बुरे प्रभाव भी पड़ रहे हैं। जैसे कई ट्रेवल एजेंटों के पास खुद के वाहन नहीं हैं, ऐसे में वह यात्रियों की बुकिंग लेने के बाद जीएमओयू से ही बसों की मांग कर रहे हैं। अब जीएमओयू के पास खुद ही बसों की किल्लत है, ऐसे में वह इन ट्रेवल एजेंटों को बस उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। जिससे यह ट्रेवल एजेंट यात्रियों को वाहनों की सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाते हैं और उन्हें असुविधा होती है। जिससे प्रदेश का नाम भी खराब होता है।

कई लोग हो चुके हैं ठगी के शिकार
जीएमओयू के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल का कहना है कि पिछले दिनों में कई लोग फर्जी ट्रेवल एजेंटों द्वारा ठगी के शिकार हो चुके हैं। ऐसे में प्रदेश की छवि भी धूमिल हो रही है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और ट्रेवल एजेंटों की छटनी करनी चाहिए। जिससे लोग ठगी का शिकार होने से बच सकें।

यात्रियों को वापस भेजने के बजाय उचित व्यवस्था करे सरकार
जीएमओयू के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल का कहना है कि कई लोग ऐसे होते हैं जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। ऐसे में वह सरकार की गाइडलाइन के अनुसार उत्तराखंड यात्रा में आने से पहले रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं। अब सरकार ऐसे लोगों को वापस भेज रही है, जिससे गरीब व मध्यम वर्गीय यात्रियों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश की छवि तो धूमिल हो ही रही है, साथ ही कई लोगों का रोजगार भी छिन रहा है। सरकार को सभी यात्रियों को चार धाम यात्रा समेत अन्य यात्राएं करने देनी चाहिए और उनके लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा है।
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जीएमओयू कंपनी के कर्मचारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह यात्रियों से अधिक से अधिक संपर्क में रहे और ज्यादा से ज्यादा बुकिंग जीएमओयू कंपनी के पास लाने की कोशिश करें। वहीं, सरकार को भी ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे यात्रियों की बुकिंग की जिम्मेदारी सिर्फ अधिकृत ट्रेवल कंपनियों के पास रहे। बाकी सभी ट्रेवल एजेंसियों को सरकार को बंद कर देना चाहिए।
जीत सिंह पटवाल, अध्यक्ष, जीएमओयू

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