टीआरपी घोटाला: प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज की मनी लन्ड्रिंग की शिकायत

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नई दिल्ली , एजेंसी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही कथित फर्जी टीआरपी घोटाले के संबंध में मनी लन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज की है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। दरअसल, टीआरपी घोटाले में पैसे के लेन-देन की जांच की जा रही है। इसे लेकर ही ईडी ने शिकायत दर्ज की है।
दरअसल, मनी लन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत ईडी को जांच के लिए किसी राज्य की सहमति की जरूरत नहीं है। जाहिर है फर्जी टीआरपी घोटाले की जांच शुरू करने में ईडी पूरी तरह स्वतंत्र है। इस मामले में मुंबई पुलिस पहले से जांच कर रही है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है। मगर, मुंबई पुलिस पर जांच में पक्षपात के आरोप भी लग रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआरआर) दाखिल की है, जो पुलिस प्राथमिकी के समान है। ईडी ने अक्तूबर में दाखिल की गई मुंबई पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद यह मामला दर्ज किया है। सूत्रों ने कहा कि ईडी जल्द ही पुलिस प्राथमिकी में नामजद समाचार चौनलों के अधिकारियों और अन्य लोगों को तलब करके उनसे पूछताछ करेगी और उनके बयान दर्ज करेगी। दरअसल, ब्रडकास्ट अडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिये एक शिकायत दाखिल की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ टीवी चौनल टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) से टेड़छाड़ कर रहे हैं।
बार्क की इस शिकायत के बाद फर्जी टीआरपी घोटाला सामने आया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि कुछ चौनल टीआरपी बढ़वाने के लिए रिश्वत दे रहे हैं ताकि उनकी विज्ञापन से होने वाली कमाई बढ़ सके। आरोप है कि जिन घरों में टीआरपी को मापने वाले मीटर लगे हुए थे, उन्हें कोई एक चौनल खोले रखने के लिये रिश्वत दी जा रही थी। टीवी चौनलों के लिए टीआरपी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी विज्ञापन से होने वाली कमाई इसी पर निर्भर करती है।

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