अयोध्या, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र के सचिव चंपत राय ने दी है। उन्होंने मंगलवार को बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं से जुड़े सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। अब केवल वही कार्य चल रहा है, जिसका सीधा सरोकार श्रद्धालुओं से नहीं है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में 10 एकड़ का पंचवटी भी बनाया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
 ट्रस्ट सचिव राय ने बताया कि नागरशैली में बने राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। भूतल पर रामलला और पहली मंजिल पर राम परिवार विराजित है। मंदिर के चारों ओर 800 मीटर लंबा आयताकार परकोटा बन चुका है। इसके कोनों पर शिव, गणेश, सूर्यदेव, देवी भगवती विराजमान हैं। दक्षिण में हनुमान और उत्तर में देवी अन्नपूर्णा मंदिर है। सभी पर ध्वजदंड लग चुके हैं। दक्षिणी-पश्चिमी कोने पर लक्ष्मण जी का शेषावतार मंदिर तैयार है।
 राय ने बताया कि सप्त मंडप में महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य का मंदिर तैयार है। निषादराज, शबरी एवं ऋषि पत्नी अहल्या मंदिर भी बन चुका है। संत तुलसीदास का मंदिर बन चुका है। कुबेर टीला पर जटायु और अंगद टीला पर गिलहरी की प्रतिमाएं हैं। साथ ही भक्तों के लिए शौचालय परिसर का निर्माण हो चुका है। उन्होंने बताया कि तीर्थ यात्रियों की सुगमता के लिए आवश्यक सभी चीजों का निर्माण पूरा हो चुका है।
 उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में सड़कें और पत्थर लगाने कार्य, भूमि सौन्दर्य, हरियाली और लैंड स्केपिंग कार्य सहित 10 एकड़ में पंचवटी निर्माण का काम तेजी से हो रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे भवन हैं, जिनका सीधा संबंध श्रद्धालुओं से नहीं है, जिसमें सभागार, ट्रस्ट ऑफिस, अतिथि गृह, दिशाओं के गेट और 3.5 किलोमीटर लम्बी चारदीवारी का निर्माण कार्य चल रहा है। अभी 3 गेट बन चुके हैं। बाकी काम जल्द पूरा होगा।
 राम मंदिर में ध्वजारोहण कार्यक्रम 25 नवंबर को होना है, जिसके लिए अनुष्ठान 21 नवंबर से शुरू होगा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर संघचालक मोहन भागवत भी शामिल होंगे। परिसर में मंच बनेगा और 8,000 से अधिक अतिथियों के लिए कुर्सियां लगेंगी।