नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म करने वाले चाचा को बीस साल का सश्रम कारावास
वर्ष 2022 में कोटद्वार पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दर्ज किया था मुकदमा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत एक मोहल्ले में अपनी नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म करने वाले आरोपी चाचा को विशेष सत्र न्यायाधीस (पोक्सो) की अदालत ने बीस वर्ष का सश्रम कारावास सुनाया है। दुष्कर्म के कुछ माह बाद किशोरी के गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी। ममला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
दिसंबर 2022 में नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत एक मोहल्ले में रहने वाली किशोरी को उसके स्वजनों ने बेस अस्पताल में भर्ती करवाया। स्वजनों का कहना था कि उनके बेटी के पेट में तेज दर्द हो रहा है। चिकित्सकों के परीक्षण में किशोरी के गर्भवती होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद उसे तत्काल जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती किया गया, जहां किशोरी ने एक शिशु को जन्म दिया। मामला जानकारी में आने के बाद पुलिस ने किशोरी के पिता की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर किशोरी के चाचा के खिलाफ दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपित आकाश को गिरफ्तार कर लिया। बीती तीन अगस्त को विशेष सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) अजय चौधरी की अदालत ने आरोपित आकाश को मामले में दोषी पाते हुए सजा का फैसला सुरक्षित रख दिया। विशेष लोक अभियोजन (पोक्सो) विजेंद्र रावत ने बताया कि विशेष सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) अजय चौधरी ने आरोपित आकाश को बीस वर्ष का सश्रम कारावास सुनाया है। साथ ही बीस हजार रूपए के अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से प्रतिकर के रुप में शिशु को दो लाख रूपए व पीड़िता को एक लाख रूपए दिए गए हैं।