मृतकों के नाम पर बीमा पॉलिसी और खाता खोलकर की ठगी
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : पौड़ी पुलिस ने अन्तर्राज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने मृतकों के नाम पर बीमा पॉलिसी और खाता खोलकर ठगी की थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय पौड़ी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि 9 मई 2025 को राजीव शर्मा आदित्य बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस के प्रतिनिधि अधकृत अधिकारी, कार्यालय नई दिल्ली द्वारा कोतवाली पौड़ी पर एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें बताया गया कि रविंद्र व उषा रानी नाम के व्यक्तियों द्वारा आपराधिक साजिश कर आकाश कुमार की मृत्यु के उपरांत धोखाधड़ी की नियत से मृतक की जीवन बीमा पॉलिसी आदित्य बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस से लेकर व लगभग 20 लाख रुपये बीमा का दावा करते हुए फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराकर मृतक आकाश कुमार के नाम पर केनरा बैंक पौड़ी में खाता भी खुलवाया गया। प्रार्थना पत्र के आधार पर कोतवाली पौड़ी में मुकदमा दर्ज किया गया। अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार चन्द्रमोहन सिंह व क्षेत्राधिकारी सदर पौड़ी त्रिवेन्द्र सिंह राणा के पर्यवेक्षण, प्रभारी कोतवाली पौड़ी कमलेश शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। विवेचक द्वारा विवेचना में साक्ष्यों का संकलन किया गया तो यह तथ्य प्रकाश में आये कि अभियुक्तों द्वारा मृत व्यक्तिओं के आधार कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि में छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी की गयी। साथ ही विवेचना के दौरान रविंद्र कुमार व मुकेश कुमार का अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अपराध करना पाया गया। इस संगठित गिरोह द्वारा मृत व्यक्तियों के नाम से बीमा कंपनियों में बीमा पॉलिसी खोली जा रही थी और मृतक के नाम पर बैंक में खाता भी खोला गया था। इस गिरोह ने धोखाधड़ी से बचने के लिए मृतक के नाम पर खोले गए बैंक खाते पर अपना फोटो लगाया था। गठित टीम द्वारा गत शुक्रवार को उक्त अभियोग में संलिप्त अभियुक्त रविंद्र कुमार पुत्र मुरली सिंह, निवासी हसनपुर, थाना नजीबाबाद, जिला बिजनौर, उत्तर प्रदेश, मुकेश कुमार पुत्र स्वर्गीय रूपचंद निवासी परमानन्दपुर, थाना आईटीआई, काशीपुर, जिला उधम सिंह नगर को काशीपुर व नजीबाबाद से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारशुदा अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष पेशकर आवश्यक वैधानिक कार्यावाही की जा रही है। पुलिस टीम में वरिष्ठ उपनिरीक्षक वेद प्रकाश, उपनिरीक्षक मेहराजुद्दीन, मुख्य आरक्षी दिनेश नेगी, अनुज चौधरी, आरक्षी हरीश आदि शामिल थे।
अपराध करने का तरीका
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय पौड़ी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि अभियुक्तों द्वारा मृतकों का पता कर उनके परिजनों को बीमा क्लेम का लालच देकर मृत व्यक्ति को जीवित दिखाकर उनकी बीमा पॉलिसी करवाते हैं और फिर कुछ किस्त भरकर बीमित व्यक्ति की मृत्यु दिखाकर उसके असली मृत्यु प्रमाण पत्र में हेराफेरी कर या फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर डेथ क्लेम की धनराशि का दावा कर कुछ धनराशि परिजनों को देकर शेष धनराशि धोखाधड़ी कर आपस में बांट लेते हैं। पूछताछ और जांच में इस गिरोह के अन्य सदस्यों का हाथ होना भी प्रकाश में आया है, जिनकी गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम लगातार प्रयास कर रही है।