कोलकाता/पूर्व बर्द्धमान ,। बंगाल की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक बार फिर आतंक के की जड़ को कमजोर करने की कोशिश की है। एसटीएफ ने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों की पहचान कोलकाता के भवानीपुर निवासी राकेश कुमार गुप्ता और पानागढ़ निवासी मुकेश रजक के रूप में हुई है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले पर आज एक अधिकारी ने कहा, ‘इन दोनों के पाकिस्तान की आईएसआई से संबंध हैं। दोनों पड़ोसी देश में कुछ लोगों के संपर्क में थे।’ एसटीएफ के मुताबिक, दोनों व्यक्ति एक एनजीओ के लिए काम करते थे और बर्द्धमान के मेमारी में किराये के मकान में रह रहे थे। यहीं से उन्हें गिरफ्तार किया गया।
बताया गया कि गुप्त सूचना के आधार पर एसटीएफ कर्मियों ने को छापेमारी की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मुकेश को किराये के मकान से पकड़ा गया, जबकि राकेश को एक नर्सिंग होम से पकड़ा गया, जहां उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। अधिकारी ने बताया कि आज कोलकाता की अदालत में पेश करने के बाद दोनों को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। दोनों आरोपी पाकिस्तान में मौजूद आईएसआई से जुड़े लोगों के सीधे संपर्क में थे। उनके निर्देश पर खुफिया सूचना भेजने के साथ आपराधिक और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद कर रहे थे। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि ये लोग अपने एनजीओ की आड़ में लोग देश के संवेदनशील इलाकों से जुड़ी सूचनाएं इक_ा इक_ा कर रहे थे, जिन्हें आईएसआई तक पहुंचाने की साजिश रची जा रही थी। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि इन दोनों की पहुंच किन सरकारी या सैन्य ठिकानों तक थी? क्या इनमें से कोई ‘डीप कवर’ एजेंट भी था? पूरे मामले की जांच बेहद गोपनीय ढंग से हो रही है। यह मामला सिर्फ जासूसी का नहीं, बल्कि बड़े साजिश की ओर इशारा करता है। खुफिया सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि, गिरफ्तार दोनों युवक गुमनाम रूप से एकत्र किए गए मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल मुख्य रूप से ‘हनी ट्रैप’ के लिए करते थे। इनके निशाने पर भारतीय सेना के अधिकारी थे। आरोपियों ने महिला बनकर उनसे संपर्क करने की कोशिश की। पता चला है कि इस ‘हनी ट्रैप’ के कई लोग शिकार हुए हैं। दोनों लोगों ने उनसे कदम दर कदम महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्र कीं और उन्हें पाकिस्तान के विभिन्न संगठनों तक पहुंचाया।
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