एक माह में दो युवकों की मौत, फिर भी खोह में लग रही डुबकी

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लगातार हो रहे हादसों के बाद भी खोह नदी में डुबकी लगा रहे पर्यटक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: खोह नदी में लगातार हो रहे हादसों के बाद भी पर्यटक व स्थानीय लोग खोह नदी में डुबकी लगाने से बाज नहीं आ रहे। रविवार को सिद्धबली के समीप खोह नदी में नहाने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। कई पर्यटक अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ नहाने के लिए नदी के बीच उतरे हुए थे। जबकि, एक माह के भीतर डूबने से दो युवकों की मौत हो चुकी है।
गर्मी का पारा चढ़ने के साथ ही सिद्धबली मंदिर आने वाले श्रद्धालु व अन्य पर्यटक खोह नदी में नहाने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन, यह लापरवाही कब उनके जीवन पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। दरअसल, सिद्धबली के समीप खोह नदी से काश्ताकरों को पानी उपलब्ध करवाने के लिए तटबंध बनाया गया है। रुके हुए इस पानी ने एक छोटी झील का रूप ले लिया है। जिसकी गहराई काफी अधिक है। स्थानीय लोगों को तो गहराई का पता है, लेकिन, पर्यटक व श्रद्धालुओं को इसका अंदाजा नहीं है। यही कारण है कि 31 मार्च को इस स्थान पर नहाते समय डूबने से मेरठ निवासी एक 24 वर्षीय युवक की मौत हो गए थी। वहीं चार दिन पूर्व भी उत्तर प्रदेश निवासी एक अन्य युवक की डूबने से मौत हो गई थी। घटना के बाद प्रशासन ने पर्यटकों को नदी में न उतरने की चेतावनी भी दी, बावजूद पर्यटक नदी में पहुंच रहे हैं।

हाथियों का भी डर
खोह नदी का यह स्थान लैंसडौन वन प्रभाग क्षेत्र से सटा हुआ है। ऐसे में उक्त स्थान पर कई बार हाथियों की चहलकदमी भी बनी रहती है। पूर्व में हाथी नदी में नहाने वाले कई पर्यटकों को भी दौड़ा चुका है। गर्मी के मौसम में हाथी अपनी झुंड़ के साथ नदी में पानी पीने पहुंचते हैं। ऐसे में पर्यटकों की लापरवाही वन्य जीव एवं मानव संघर्ष को भी न्यौता दे रही है।

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