यूक्रेन का युद्घविराम से इन्कार, डोनबास में रूस ने की बीएमपी-टी टैंकों की तैनाती, पोलैंड के राष्ट्रपति डूडा पहुंचे कीव

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कीव, एजेंसी। यूक्रेन ने मौजूदा परिस्थितियों में रूस के साथ युद्घविराम की संभावना से इन्कार किया है। कहा है कि डोनबास में भीषण लड़ाई और वहां के उद्योगों को बुरी तरह से नुकसान होने के बाद युद्घविराम नहीं किया जा सकता। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इस मसले पर कह चुके हैं कि 24 फरवरी से पूर्व की स्थिति में जाकर दोनों देशों के बीच युद्घविराम हो सकता है। इसके बाद उन्होंने कहा, यूक्रेन के क्षेत्रों पर रूस का कब्जा अस्थायी है। जल्द ही डोनबास, क्रीमिया और मारीपोल समेत वे सारे इलाके वापस लिए जाएंगे जिन पर रूस ने 2014 से अभी तक कब्जा किया है।
रविवार को कीव पहुंचे पोलैंड के राष्ट्रपति एंद्रेजेज डूडा ने यूक्रेन की संसद को संबोधित किया। कहा, देश की एक इंच जमीन भी छोड़ना यूक्रेन और सहयोगियों को कमजोर करने जैसा होगा। उन्होंने यूक्रेन को आश्वस्त किया कि पोलैंड पूरी मजबूती से उसके साथ खड़ा है। यूक्रेन को यूरोपीय यूनियन की सदस्यता दिलाने के लिए भी पोलैंड मजबूती से पैरवी करेगा।
पोलिश राष्ट्रपति ने कहा, केवल यूक्रेन को अपने भविष्य का फैसला करने का अधिकार है, किसी अन्य को नहीं। डूडा पहले विदेशी नेता हैं जिन्होंने रूसी हमले के बाद यूक्रेन आकर वहां की संसद को संबोधित किया है। पोलैंड ही वह पड़ोसी देश है जहां पर यूक्रेन से भागे 60 लाख लोगों में से आधे से अधिक शरण लिए हुए हैं।
पोलैंड ही वह देश है जहां से यूक्रेन को ज्यादातर विदेशी हथियारों की आपूर्ति होती है। चूंकि पोलैंड नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) का सदस्य देश है, इसलिए रूस उस पर हमले का साहस नहीं जुटा पाया है। लेकिन रूस ने उसकी गैस आपूर्ति रोक दी है।
मारीपोल कब्जे में आ जाने के बाद रूसी सेना का पूरा ध्यान अब डोनबास (डोनेस्क और लुहांस्क) पर कब्जे की ओर है। लुहांस्क पर कब्जे के लिए सीविरोडोनेस्क और लिसिचांस्क पर रूस की ओर भारी गोलाबारी हो रही है। यूक्रेन की ओर से भी करारा जवाब दिया जा रहा है। लेकिन यूक्रेनी सेना के पास हथियारों की कमी रूसियों को फायदा पहुंचा रही है। यहां पर यूक्रेन के अलगाववादी भी रूसी के साथ मिलकर लड़ रहे हैं।

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