उल्टी-दस्त से बच्ची की मौत, मां को 12 किमी पैदल चलकर डोली के सहारे पहुंचाया अस्पताल
देहरादून। चमोली जिले दूरस्थ गांव किमाणा में बुधवार को उल्टी दस्त बीमारी की चपेट में आने के बाद एक ग्यारह वर्षीय बच्ची सिमरन की मौत हो गई। गांव के कई अन्य लोग भी बीमारी की चपेट में आ गए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव के लिए रवाना हो गई है। बच्ची के पिता का आरोप है कि यदि उसकी बेटी को समय से इलाज मिल जाता तो उसे बचाया जा सकता था। वहीं बच्ची की मां की स्थिति भी गंभीर बताई जा रही है। गांव में सड़क नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को उसे करीब बारह किलोमीटर तक डंडी पर बैठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ा। यहां से उसे 108 की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। बीमारी की चपेट में आए अन्य लोगों के इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम को गांव भेजा गया है।
स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल: पहाड़ में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल स्थिति में है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जरूरत पड़ने पर मरीजों को डंडी कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। इस दौरान समय से इलाज नहीं मिलने से कई लोगों की मौत हो जाती है।
समय से नहीं आई एंबुलेंस: पहाड़ में दिक्कतों की भरमार है। गंभीर रूप से बीमार महिला को एंबुलेंस तक समय से नहीं मिल पाई। ऐसे में उसे बाद में सीएचसी जोशीमठ रेफर करना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि गांव का सड़क से संपर्क नहीं होने के कारण उन्हें आए दिन इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ता है। ऐसे और भी कई गांव हैं जहां आजादी के बाद कई दशक बाद भी सड़क नहीं बन पाई है।
किमाणा में कुछ लोगों के उल्टी दस्त की चपेट में आने की सूचना मिलने के बाद वहां बुधवार सुबह ही डॉक्टरों की टीम रवाना कर दी गई थी। मरीजों का इलाज करने के साथ ही टीम बीमारी के कारणों का पता लगाएगी। इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। -जीएस राणा, सीएमओ चमोली