डीएम ने की नए वित्तीय वर्ष में जिला योजना के तहत कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, डेयरी एवं अन्य रेखीय विभागों द्वारा प्रस्तावित योजनाओं को लेकर विभागीय अधिकारियों से चर्चा
चमोली। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने नए वित्तीय वर्ष में जिला योजना के तहत कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, डेयरी एवं अन्य रेखीय विभागों द्वारा प्रस्तावित योजनाओं को लेकर विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने सभी रेखीय विभागों को रूटीन से हटकर विकास योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने पर जोर दिया। ताकि किसानों और काश्तकारों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ग्रेड़िग यूनिट स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जाए। साथ ही किसानों के उत्पादों को संग्रहित करने के लिए संग्रह केन्द्र तथा विक्रय के लिए आउटलेट सेंटर बनाने पर जोर दिया जाए। जिससे जनपद के किसानों की आर्थिकी बढ सके और उनको इसका सीधा लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि हर ब्लाक में ऐसे गांवों को चिन्हित किया जाए जहॉ पर जंगली जानवरों से सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान होता है और उन गांवों में जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए मनरेगा से कन्वर्जेन्स करते हुए घेरवाड करायी जाए। उन्होंने सभी रेखीय विभागों को आपसी समन्वय बनाकर चिन्हित गांव में सभी स्वरोजगारपरक योजनाओं का क्रियान्वयन कर गांव को एक मॉडल के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। पशुपालन विभाग को जनपद में हैचरी निर्माण, मत्स्य विभाग को एग्लिंग तथा उद्यान विभाग को नर्सरी विकास जैसी योजनाओं पर फोकस करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में जिला योजना के अन्तर्गत स्वरोजगार योजनाओं में जो भी काश्तकार लाभान्वित किए गए है उनका फीडबैक जरूर लें और इसका विश्लेषण करने के बाद ही योजनाओं को प्रस्तावित करें। उन्होंने किसानों को परम्परागत खेती से हटकर कैशक्रॉप के उत्पादन हेतु प्रेरित करने को कहा। ताकि जनपद के किसानों की आर्थिकी मजबूत हो सके। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, जिला अर्थ एवं सख्ंया अधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी, मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, अपर कृषि अधिकारी जीतेन्द्र भाष्कर सहित अन्य रेखीय विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।