उत्तराखंड

छात्र संसद में बोलीं विधानसभा अध्यक्ष- सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी समान नागरिक संहिता

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देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि समान नागरिक संहिता सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी। संविधान निर्माताओं ने समान नागरिक संहिता का वचन दिया था। इसका पालन होना चाहिए। शनिवार को पुणे में तीन दिवसीय भारतीय छात्र संसद के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिभाग किया।
उन्होंने समान नागरिक संहिता विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि देश में राजनीति के क्षेत्र में बहुत से युवा आगे आ रहे हैं और उन युवाओं को राजनीति में आने का भारतीय छात्र संसद के माध्यम से बड़ा मंच मिलता है। ऐसे में युवा अपने सपने को साकार भी कर सकते हैं।
समान नागरिक संहिता का अर्थ भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना है। चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। संविधान में समान नागरिक संहिता की चर्चा अनुच्टेद 44 में की गई है। राज्य के नीति-निर्देशक तत्व से संबंधित इस अनुच्टेद में कहा गया है कि राज्य व देश सभी राज्य क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीएए, राम मंदिर, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना व तीन तलाक जैसे मुद्दों के फैसले हो गए हैं। अब बारी समान नागरिक संहिता की है। अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग कानून की जरूरत नहीं है।
नई पीढ़ी बदल चुकी है, उसे धर्म व जाति के बंधन से मुक्त कर समान कानून के दायरे में लाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता के परीक्षण और क्रियान्वयन के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति लोगों से सुझाव ले रही है।

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