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एलएसी पर केंद्रीय मंत्री रिजिजू, चीनी सैनिकों से पूछा सवाल

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लद्दाख। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले चार साल से जारी गतिरोध खत्म हो चुका है। तनाव कम होने के बाद भारतीय सेना ने शुक्रवार से पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में गश्त करना शुरू कर दिया है। हाल ही में भारत और चीन के बीच 2020 से पूर्व वाली स्थिति पर लौटने पर सहमति बनी। इसके बाद चीन ने अपने सैनिकों को पीछे किया। कई चरणों की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच यह गतिरोध खत्म हुआ। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रिक्स सम्मलेन से ठीक एक दिन पहले खुलासा किया था कि दोनों देश के बीच सीमा पर जारी गतिरोध पर सहमति बन गई है। इसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी।
दीवाली पर बांटी मिठाई
डेमचोक सेक्टर में गश्त शुरू होने के बाद सेना जल्द ही देपसांग सेक्टर में भी गश्त शुरू करेगी। यह गश्त समन्वित तरीके से होगी। मतलब दोनों ही देशों के सैनिकों को गश्त की जानकारी होगी। गुरुवार को दिवाली के अवसर पर भारत और चीन के सैनिकों ने सीमा पर एक-दूसरे को मिठाइयां बांटी। जानकारी के मुताबिक भारत और चीन की सेना ने लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, काराकोरम दर्रा, दौलत बेग ओल्डी, कोंगक्ला और चुशुल-मोल्दो सीमा पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया।
लद्दाख सांसद ने समझौते का किया स्वागत
लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (छअउ) पर दोनों देशों के बीच तनाव कम होने का स्वागत किया। लद्दाख सांसद ने कहा कि सीमा पर रहने वाले जानते हैं कि युद्ध कैसा होता है। हम सीमा पर शांति चाहते हैं। दोनों देशों के मध्य हुए समझौते का हम स्वागत करते हैं। मगर हम इसे जमीन पर लागू होते देखना चाहता हूं। कूटनीतिक तरीकों से सीमा पर तनाव कम किया जाना चाहिए।
मतभेद होना स्वाभाविक
भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि पड़ोसी देशों के रूप में भारत और चीन के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है। मगर अहम बात यह है कि इन मतभेदों को कैसे संभाला जाए और कैसे हल किया जाए। भारत और चीन ने हाल ही में भारत-चीन सीमा पर गश्त व्यवस्था पर सहमति जताई है। भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध 2020 में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में शुरू हुआ था। इसके बाद से ही भारत और चीन के रिश्ते बेहद खराब दौर से गुजर रहे थे।

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