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यूपी को नए फ्रेट करिडोर की सौगात, पीएम मोदी बोले- आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी मदद

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 29 दिसंबर को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट करिडोर (ईडीएफसी) के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन’ का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है। भारत और भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है। आज हम आजादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में अपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नए सामर्थ्य का प्रतीक है। ये दुनिया के बेहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है। इसमें मैजेनमेंट और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है वो भारत में ही तैयार हुई है।
इस आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में ईडीएफसी के परिचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी) का भी शुभारंभ किया। ईडीएफसी का 351 किलोमीटर लंबा न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह सेक्शन मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन से भी भीड़भाड़ कम कर देगा और भारतीय रेलवे को तेज ट्रेन चलाने में सक्षम करेगा। प्रयागराज में एक अत्याधुनिक अपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) ईडीएफसी के पूरे रूट के लिए कमान सेंटर के रूप में कार्य करेगा। आधुनिक आंतरिक सज्जा, श्रम दक्षता संबंधी डिजाइन और सर्वश्रेष्ठ ध्वनि विज्ञान के साथ ओसीसी विश्व स्तर पर अपने प्रकार की सबसे बड़ी संरचनाओं में से एक है।
पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट करिडोर (ईडीएफसी) 1856 मार्ग किलोमीटर लंबा है। यह लुधियाना (पंजाब) के पास साहनेवाल से शुरू होता है और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों से गुजरकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होता है। यह सेक्शन स्थानीय उद्योगों जैसे एल्यूमीनियम उद्योग (कानपुर देहात जिले का पुखरायां क्षेत्र), डेयरी क्षेत्र (औरैया जिला), कपड़ा उत्पादन ध् ब्लक प्रिंटिंग (इटावा जिला), कांच के सामान के उद्योग (फिरोजाबाद जिला), पटरी (बुलंदशहर जिले के खुर्जा),हींग उत्पादन (हाथरस जिला) और ताले और हार्डवेयर (अलीगढ़ जिला) के लिए नए अवसर खोलेगा। इस परियोजना का उद्देश्य गलियारे के मार्ग के साथ राज्यों में बुनियादी ढांचे और उद्योग को रफ्तार देना है। कई राज्यों से होकर गुजरने वाले इस करिडोर का करीब 57 प्रतिशत हिस्सा यूपी से होकर गुजरेगा।

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