नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला खनन समिति देहरादून के तीन जनवरी 2020 के आदेश को चुनौती देते वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने नदियों से उपखनिजों के ढुलान में प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर – ट्रली के कमर्शियल मोटर वाहन एक्ट में पंजीकरण को अनिवार्य करने के जिला खनन समिति देहरादून के निर्णय को सही बताया है। कोर्ट ने इन निर्णयों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है ।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में कवींद्र सिंह व अन्य ने जिला खनन समिति देहरादून के 3 जनवरी 2020 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई। याचिका में समिति ने कहा है कि वन विकास निगम के लट से उप खनिजों का ढुलान करने वाले ट्रेक्टर ट्राली का आरटीओ अफिस में कमर्शियल वाहन एक्ट के तहत पंजीकरण किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि उनके ट्रैक्टर का पहले से ही पंजीकरण है।
लेकिन सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2018 में वीरेंद्र कुमार बनाम जिलाधिकारी देहरादून के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने षि कार्य के अलावा अन्य कार्य में ट्रैक्टर ट्रली के प्रयोग होने पर उसका व्यवसायिक पंजीकरण करने का आदेश दिया था । इसी आदेश के क्रम में जिला खनन समिति ने उक्त आदेश पारित किया है । इन तर्कों के आधार पर कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।