ऋषिकेश। नगर निगम की बोर्ड बैठक में शनिवार को भी हंगामा हुआ। इसमें मेयर कार्यालय में बैठक को लेकर कुछ पार्षद बिफर गए। उन्होंने हंगामा शुरू किया तो कई पार्षदों ने होटल में बैठक करने पर अधिक खर्च का हवाला दिया, जिससे माहौल और गर्म किया। इसके बाद पार्षद किसी तरह से शांत हुए तो फिर रोड कटिंग के करीब दस करोड़ के बजट को अन्य मदों पर खर्च करने पर पार्षदों ने हंगामा काटना शुरू किया। करीब तीन बजे बैठक संपन्न होने के बाद एजेंडे में शामिल विभिन्न विकास कार्यों के 58 प्रस्तावों को हरी झंडी मिल सकी। शनिवार को संयुक्त यात्रा बस ट्रांजिट कंपाउंड में नगर निगम के अस्थायी कार्यालय में सुबह करीब 11 बजे मेयर शंभू पासवान की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक प्रारंभ हुई।
बीते शुक्रवार की रात दस बजे तक चली बैठक में 24 प्रस्ताव पास होने के बाद बाकी प्रस्तावों पर चर्चा हुई। शुरुआत में एक-दो प्रस्ताव पर चर्चा कर निगम के अधिकारी आगे बढ़े ही थे कि पार्षद माधवी गुप्ता ने मेयर शंभू पासवान के लिए कार्यालय में आयोजन पर आपत्ति जता दी। उन्होंने कहा कि न तो यहां ठीक से बैठने की जगह है और न ही खड़े होने की। समर्थन में पार्षद राजेंद्र बिष्ट भी आए। इसी बीच कुछ पार्षदों ने कहा कि बीते शुक्रवार की बैठक में ही निगम का बजट बचाने के लिए यहां आयोजन तय किया गया था। बामुश्किल आक्रोशित पार्षद शांत हुए और फिर आगे प्रस्तावों पर चर्चा शुरू हुई। अधिकारी प्रस्ताव से अवगत कराते हुए आगे बढ़े ही थे कि ग्रामीण इलाकों में बने नए वार्डों में जल संस्थान की योजना में रोड कटिंग की एवज में करीब दस करोड रुपये मिलने पर हंगामा हुआ। इस मद की रकम स्ट्रीट लाइट व अन्य कार्यों में खर्च करने पर अनिल रावत, मुस्कान और सचवीर भंडारी ने उठाया। पिछली बोर्ड का मामला होने की जानकारी देते हुए नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने पार्षदों को शांत कराया। नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि मूल 33 प्रस्ताव थे। इसके अलावा शेष 25 प्रस्ताव भी शामिल थे। बताया कि कुल 58 प्रस्तावों को शनिवार को बोर्ड बैठक में पास किया गया है।
– नगर क्षेत्र में बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए नगर निगम व्यवस्था बनाएगी। इसका प्रस्ताव भी बोर्ड बैठक में लिया गया, जिसे पार्षदों से सर्वसम्मति से पास किया। पशुओं की गणना और उनकी टैगिंग भी एजेंडे में शामिल रही। नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि श्वान का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर संबंधित पालक पर जुर्माने का प्रावधान भी है। – नगर निगम की ऋषिकेश क्षेत्र में 275 दुकानें हैं। इसमें मूल आवंटी के साथ साझेदार का नाम अंकित कराने पर 32 फीसदी शुल्क का प्रावधान किया गया है, जिसे बढ़ाकर अब 50 फीसदी कर दिया गया है। इस मुद्दे को लेकर भी काफी गहन मंथन हुआ। पार्षद आशु डंग ने यह मामला बोर्ड बैठक में उठाया। दूनमार्ग, रेलवे रोड और संयुक्त यात्रा बस ट्रांजिट कंपाउंड में निगम की नौ दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया आरंभ करने के प्रस्तावों को भी बोर्ड बैठक में पास किया गया।
– वेंडिंग जोन में संचालित दुकानों का किराया भी अब बढ़ाने का फैसला लिया गया है। पहले प्रति दुकानदार से 20 रूपये का शुल्क लिया जा रहा था, जिसे बढ़ाकर 40 रूपये कर दिया गया है। तीन स्थानों पर प्रस्तावित वेडिंग जोन भी जल्द ही वजूद में आएगा। वीरभद्र तिराहा, योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के बाहर हरिद्वार बाइपास मार्ग व एम्स के नजदीक स्थान जोन विकसित करने के लिए चिन्हित है।
-नगर निगम कार्यालय में आयोजित बोर्ड बैठक में दोपहर करीब 12 बजे बत्ती अचानक गुल हो गई, जिससे कार्यालय में पार्षदों व अधिकारियों की अधिक संख्या के चलते उमस हो गई। निगम का इवंर्ट भी बीच-बीच में जवाब देता दिखा। गर्मी से राहत के लिए कई पार्षद हाथ में ली फाइल व कागज को ही पंखे के तौर पर उपयोग करते हुए शरीर को ठंडा रखने का प्रयास करते दिखे। दिन में तीन बजे तक बैठक संपन्न होने तक भी विद्युत आपूर्ति सुचारु नहीं हुई। निगम में जनरेट की कमी भी इस दौरान पार्षदों को खूब खली।