देश के लिए जीआईएस तकनीक का उपयोग -महत्वपूर्ण
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। राठ महाविद्यालय पैठाणी में भूगोल विभाग द्वारा राष्ट्रीय बेबिनार का आयोजन किया गया। बेबिनार में जीआईएस तकनीक की उपयोगिता की विस्तार से जानकारी दी गई।
गुरुवार को ऑनलाइन आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. पीके पाठक ने कहा कि वर्तमान विकासशील भारत के सामाजिक, आर्थिक व संसाधनों के संरक्षण के लिए जीआईएस तकनीक का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। भारत सरकार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में इस तकनीक का उपयोग कर रही है। विभागाध्यक्ष प्रो. एमएस नेगी ने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र के भूमि उपयोग व संसाधनों के प्रबंधन में जीआईएस तकनीक उपयोगी है। पौड़ी परिसर के सेवानिवृत्त परिसर निदेशक प्रो. केसी पुरोहित ने कहा कि छात्र-छात्राओं को जीआईएस तकनीक के क्षेत्र में कार्य करने के अवसरों की जानकारी दी जानी चाहिए। वेबिनार में डा. पीएस नेगी ने जंगलों में लगने वाली आग व पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के लिए जीआईएस तकनीक से प्राप्त डेटा का उपयोग किया जा सकता है। प्रो.बीएल तेली ने इस तकनीक का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के अवलोकन में भी अत्यधिक उपयोगी है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जितेंद्र कुमार नेगी ने कहा कि भौगोलिक अध्ययन के अनुसंधानों में जीआईएस तकनीक का उपयोग हो रहा है। इस मौके पर राठ महाविद्यालय के साथ ही कई महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं ऑनलाइलन माध्यम से मौजूद रहे।