नई टिहरी। वर्ष 2002 में उद्योग विभाग ने हथकरघा उद्योग का प्रशिक्षण लेने के बाद चंबा की रहने वाली उषा नकोटी निरंतर क्षेत्र की महिलाओं को स्वालंबी बनाने के साथ सशक्त करने काम कर रही है। उषा अपने हथकरघा उद्योग में बने अंगोरा शाल, स्वेटर, पंखी, मफलर, कोट, कंबल, स्टॉल, टोपी और पैरो के मौजे जैसे कई उत्पाद बनाकर मार्केट और विभिन्न प्रदर्शनियों के माध्यम से बेचकर प्रतिमाह 30 हजार से अधिक की आय प्राप्त कर रही हैं। साथ ही अपने साथ काम करने वाली दो दर्जन से अधिक महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपये का रोजगार उपलब्ध करवा रही हैं। आधुनिककता के इस दौर में उषा ने महिलाओं को हथकरघा का प्रशिक्षण देने काम जारी रखा हुआ है।जिससे महिलायें स्वालंबी होने की ओर कदम बढ़ा रही हैं। उषा चंबा मार्केट में अंगोरा वस्त्र विक्रय भंडार के नाम से अपनी दुकान का संचालन भी बखूबी कर रही हैं। उषा नकोटी ने बताया कि वर्ष 2002 से वह इस व्यवसाय से जुड़ी है। उन्होंने उद्योग विभाग की मदद से हथकरघा का प्रशिक्षण लिया और साथ ही कई गांव की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर हथकरघा कारोबार को आगे बढ़ा रही है। समय के साथ उनके वस्त्रों की डिमांड ज्यादा होने से वर्तमान समय में उनके पास 5 हथकरघा और 3 निटिंग मशीनें हैं। जिनसे अपनी आजीविका बखूबी चला रही हैं। कुटिल उद्योग कल्याण समिति की अध्यक्ष के रूप में वह महिलाओं के सशक्तिकरण का काम कर रही हैं। समिति से 12 स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए हैं।