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उत्तर प्रदेश चुनाव: क्या कांग्रेस का सपना पूरा कर पाएंगी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी?

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लखनऊ, एजेंसी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की सक्रियता से कांग्रेस में नई ऊर्जा दिखाई देने लगी है। लखीमपुर से लेकर वाराणसी और लखनऊ तक प्रियंका के धुआंधार कार्यक्रमों और तीखे तेवर ने पार्टी में जान फूंकने की कोशिश के साथ ही प्रदेश में चुनावी माहौल भी गरमा दिया है। वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से लेकर रैली के मंच तक प्रियंका के लिए बड़ी भीड़ उमड़ी तो लखनऊ में उनके मौन व्रत और सत्याग्रह ने अलग ही सियासी समां बांधा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद राजेश मिश्रा कहते हैं कि बड़े दिन बाद पार्टी के लिए बनारस में उत्साह भरे दिन लौटे हैं। वहां से प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ में मौन धारण करने गईं तो हर पल उत्तर प्रदेश सरकार का तापमान बढ़ने लगा। 12 अक्तूबर को वह लखीमपुर खीरी अरदास में शामिल हुईं। उनके साथ काफिले में चलने वाले सूत्र का कहना है कि अब तो वह पार्टी का चेहरा नहीं, ताकत हैं। यह तो साथ चलने पर दिखाई देता है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी को भी प्रियंका गांधी के राजनीतिक अभियान से काफी उम्मीदें हैं। यही हाल जौनपुर के कांग्रेस नेता सुरेन्द्र त्रिपाठी का है। सुरेन्द्र त्रिपाठी का कहना है कि प्रियंका के सलाहकारों में थोड़े व्यावहारिक लोगों को जगह मिल जाए तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में काफी कुछ बड़ा हो सकता है। प्रियंका के राजनीतिक अभियान में खुद पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ढाल बनकर आ जाते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि छह महीने दूर उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में क्या प्रियंका गांधी अपनी पार्टी का सपना पूरा कर पाएंगी?
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रियंका गांधी पर तंज कसते हैं। कहते हैं कि वे फोटो सेशन कराने आती हैं। यही बात वे राहुल गांधी के लिए भी कहते हैं। अब इसी कटाक्ष को समाजवादी पार्टी उसके सिपहसालारों में से एक संजय लाठर सरीखे नेता इस्तेमाल करने लगे हैं। बसपा प्रमुख मायावती के लिए प्रियंका गांधी या फिर राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में इससे अधिक कुछ नहीं कर सकते। मायावती के सचिवालय में मेवा लाल गौतम हैं। गौतम भी कहते हैं कि प्रियंका और राहुल का क्या? तीनों ही दलों (भाजपा, सपा, बसपा) के नेता दोनों नेताओं (राहुल-प्रियंका) के उत्तर प्रदेश में दौरे को राजनीतिक पिकनिक करार दे देते हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी इशारे-इशारे में सवाल उठा दिया। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोग मानवाधिकार के नाम पर देश की छवि खराब करते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा। प्रधानमंत्री की देश की जनता को दी गई नसीहत के केंद्र में कहीं न कहीं राहुल और प्रियंका भी हैं। इस नसीहत में हाल में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में हुई हिंसात्मक घटना से लेकर जम्मू-कश्मीर के हालात तक हैं।

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