उत्तराखंड बजट 2022 : पंजाब और दिल्ली में आप ने खींची लकीर, अब धामी सरकार के पहले बजट पर सबकी नजर
देहरादून। रोजगार, स्वास्थ्य, सुशासन के मोर्चे पर आम आदमी पार्टी की पंजाब और दिल्ली सरकार ने लकीर खींच दी है। अब नजर उत्तराखंड की धामी सरकार पर लगी है कि वह अपने पहले बजट में विकास की किन प्राथमिकताओं को लेकर आएंगे। दूसरी बार प्रदेश की सत्ता की बागडोर संभालने के बाद धामी ने अपनी पहली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता लागू का मसौदा तैयार करने के लिए एक हाईपावर कमेटी बनाने का एलान किया।
राज्य के विकास के लिए उनका भावी एजेंडा क्या होगा, इसकी झलक उनके पहले बजट से नजर आएगी। लेकिन उनके सामने आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब सरकार ने लाइन खींच दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सत्ता की बागडोर संभालते ही 25 हजार नई नौकरियां देने, भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और अपना व्हाट्स एप नंबर जारी करने तथा पूर्व विधायकों की पेंशन को एक टर्म की पेंशन करने का एलान किया। उनके इस फैसले की उत्तराखंड राज्य में भी चर्चा हो रही है।
शनिवार को दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रोजगार बजट पेश किया। इस बजट में दिल्ली सरकार ने अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य बनाया है। यह रोजगार होलसेल, रिटेल बाजार, फूड प्रोसेसिंग, लजिस्टिक, ग्रीन एनर्जी सरीखे क्षेत्रों में पैदा किए जाएंगे।
इतना ही नहीं सरकार ने तय किया है कि वह रोजगार का अडिट भी कराएगी। सरकारी अस्पतालों की रीमडलिंग के लिए 1900 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है और इलाज के लिए सरकार ई हेल्थ कार्ड जारी करेगी। मोहल्ला क्लीनिक व पलीक्लिीनिक के लिए भी बजट का प्रावधान किया है। शिक्षा पर भी आप सरकार का खास फोकस रहने वाला है। बजट में 16278 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए रखे गए हैं। मुफ्त पानी की योजना को जारी रखने का एलान किया है।
दिल्ली और पंजाब की आप सरकारों की घोषणाओं और बजटीय प्रावधानों के बाद अब नजर धामी सरकार पर है। राज्य में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य तीन सबसे ज्वलंत मुद्दे हैं। वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर धामी सरकार करीब 21 हजार करोड़ रुपये का लेखानुदान लेकर आ रही है।
मुख्यमंत्री धामी से यह उम्मीद की जा रही है कि उनके बजट में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेक्टर के लिए क्या-क्या घोषणाएं और प्रावधान होंगे। विशेष तौर पर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और अवस्थापना विकास प्रमुख मुद्दे हैं, जिनके अभाव में पलायन की समस्या गंभीर रूप ले रही है।
जानकारों के मुताबिक, बेशक धामी सरकार बाद में अपना पूरा बजट लेकर आएगी, लेकिन लेखानुदान में उसकी प्राथमिकताओं की झलक स्पष्ट दिखेगी। साथ ही पंजाब और दिल्ली की आप सरकार के फैसलों की कसौटी पर धामी सरकार के लेखानुदान को परखा जाएगा।