उत्तराखण्ड के विकास में बाधक वन कानूनों का विरोध किया
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड आंदोलनकारी राष्ट्रीय मोर्चा ने उत्तराखण्ड के विकास में बाधक एवं जनता के मौलिक अधिकारों को छीनने वाले वन कानूनों का विरोध किया है। मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. कपरवाण ने भाजपा-कांग्रेस पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि तीन विधायकों ने लगातार सरकार का जनता के करोड़ों रूपये रामनगर-कोटद्वार (चिल्लरखाल)-लालढांग मोटर मार्ग निर्माण में बर्बाद कर दिये। बिना केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति के करोड़ों रूपये खर्च किये और तीन बार माग का निर्माण कार्य रोक दिया गया।
शिब्बूनगर में आयोजित बैठक में मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. शक्तिशैल कपरवाण ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र के पहले टाइगर सफारी के शिलान्यास को उत्तराखण्ड की लाइफ कहे जाने वाला रामनगर-कोटद्वार (चिल्लरखाल)-लालढांग नेशनल हाईवे के प्रस्ताव व योजना का कब्र खोदने के समान बताया। उन्होंने कहा कि कॉर्बेट टाइगर प्रोजेक्ट के कानून इस नेशनल हाईवे के निर्माण में बाधक है। प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बाघ पालने के बजाय रामनगर-कोटद्वार (चिल्लरखाल)-लालढांग मोटर मार्ग का निर्माण होना चाहिए। केन्द्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी गत विधानसभा चुनाव में इस नेशनल हाईवे के शीघ्र निर्माण का आश्वासन देकर गए थे, लेकिन उन्होंने इस घोषणा का इंचभर भी पालन नहीं किया। इस अवसर पर पार्षद प्रवेन्द्र सिंह रावत ने सरकार से रामनगर-कोटद्वार (चिल्लरखाल)-लालढांग नेशनल मार्ग की स्वीकृति एनजीटी से दिलाने की मांग की है। बैठक में पुष्कर रावत, दर्शन सिंह नेगी, सुरेश पटवाल, अजयकांत मिश्रा, विजय ध्यानी, कोमल सजवाण, राजाराम अंथवाल आदि मौजूद थे।