विकास कार्यों पर खर्च में आगे बढ़ा उत्तराखंड
देहरादून। बजट और राज्य में विकास कार्यों पर खर्च ने रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया। पिछले दो साल में राज्य ने बजट उपयोग में चार हजार करोड़ रुपये की बढोत्तरी की है। जबकि विकास कार्यों के लिए तय पूंजीगत मद में सरकार विभिन्न परियोजनाओं और निर्माण कार्यों में 2787 करोड़ रुपये अधिक खर्च कर पाई है। मंगलवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित वित्त विभाग की समीक्षा बैठक में यह तस्वीर सामने आई। इस साल भी राज्य का राजस्व सरप्लस स्थिति में है। जीएसटी में करीब 13 प्रतिशत वृद्धि का आंकलन किया गया है। बैठक में बजट अधिकारी मनमोहन मैनाली ने बिंदूवार विभिन्न मदों का ब्योरा और प्रगति रिपोर्ट को रखा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में राज्य का कुल बजट खर्च 56 हजार करोड़ रुपये था। जो कि वर्ष 2023-24 में बढ़कर 60 हजार करोड़ रुपये हो गया। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 के 8195 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के मुकाबले वर्ष 2023-24 में 18 हजार 982 रुपये खर्च किए गए। अधिकारियों ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में बजट के अनुमान का अभी तक लगभग 11 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति हो चुकी है। यह वृद्धि मुख्य रूप से एसजीएसटी, वैट, स्टांप, आबकारी आदि विभाग में है। वित्त मंत्री ने वर्ष 2023-24 में किए गए नए प्रयोगों के लिए अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने नॉन टैक्स में वृद्धि की संभावना तथा विभाग को केंद्र पोषित योजना की विशेष समीक्षा करने के निर्देश दिए। केंद्रीय योजनाओं में उपयोगिता प्रमाणपत्र को तय समय पर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने रिक्त पद पर भर्ती और प्रमोशन की प्रक्रिया को 30 जून तक कार्यवाही पूरी करने के निर्देश भी दिए। वित्त मंत्री ने वित्त सचिव दिलीप जावलकर को सोसायटी रजिस्ट्रेशन की नियमावली बनाने के निर्देश दिए है।