उत्तराखंड में भी स्थगित होंगे विधान सभा चुनाव! नैनीताल हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस
नैनीताल । चुनाव व नेताओं की रैली से कोरोना के अधिक फैलने को लेकर लोग चिंतित हैं। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में भी इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से चुनाव आयोग से चुनाव स्थगित करने व रैलियों को रोकने का आग्रह किया गया था। इसी तरह ही उत्तराखंड में भी लोगों ने चुनाव स्थगित करने को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट (टंपदपजंस भ्पही ब्वनतज) में याचिका दायर की है। इसकी बुधवार को सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई आगामी तीन जनवरी को तय की है।
2022 में उत्तराखंड, उप्र, पंजाब, गोवा व मणिपुर में चुनाव होने वाले हैं। पर कोरोना के नए नए वेरियंट ओमिक्रन के मामले तेजी से फैलने से लोग चुनाव स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। इसी तरह चुनाव रोकने को लेकर दायर याचिका में बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट (टंपदपजंस भ्पही ब्वनतज) में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ता शिव भट्ट ने हाई कोर्ट में सचिदानन्द डबराल व अन्य बनाम यूनियन अफ इंडिया संबंधित विचाराधीन जनहित याचिका में पारित आदेशों का जिक्र किया। साथ ही विभिन्न राजनीतिक दल कोविड नियमों के विपरीत की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न कर एक प्रार्थनापत्र पेश किया। कहा है कि इन रैलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी आशंका है। रैलियों में कोविड के नियमो का उल्लंघन किया जा रहा है।
कोरोना के नए वैरिएंट का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कोविड के किसी भी अन्य संस्करण की तुलना में 300 प्रतिशत से अधिक तेजी से फैल रहा है और इसलिए, लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं से बचा जाए। याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें, साथ ही अदालत से नए साल के जश्न के दौरान होने वाली पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है। विधान सभा के चुनाव स्थगित किए जाएं, इस सम्बंध में चुनाव आयोग भारत सरकार को निर्देश दिए जाएं।