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उत्तराखण्ड में मास्क न पहनने पर अब 500 का जुर्माना, शादी में केवल 100 लोग ही हो सकते है शामिल, बिना नेगेटिव रिपोर्ट के प्रदेश में नहीं होगी एंट्र्री

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टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट ही सर्वाेच्च प्राथमिकता
जयन्त प्रतिनिधि। 
देहरादून।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने बचाव के तरीकों पर सख्ती करना शुरू कर दिया है। वहीं इलाज के लिए अधिकारियों को सर्तक रहने के आदेश किये है। राज्य कोरोना रोकथाम की समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सख्ती से कदम उठाये जायेगें, जिसके लिए मास्क न पहनने पर अब 200 के बजाय 500 रूपये जुर्माना लगाया जायेगा। साथ ही शादी समारोह में 200 के बजाय 100 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जायेगी।
समीक्षा बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि आगे जाकर स्थिति ज्यादा न बिगड़े, इसके लिए वर्तमान में लागू गाईड लाईन का अक्षरश: पालन करवाया जाना है। जो भी इसका उल्लंघन करे, उसके खिलाफ कार्यवाही में किसी प्रकार की ढ़िलाई न बरती जाए। राज्य के बॉर्डरों पर आवश्यकतानुसार चेकपोस्ट स्थापित किए जाय और बिना आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के किसी को अनुमति न दी जाए। आगे की स्थिति का आंकलन करते हुए उसके अनुसार कोविड अस्पताल बनाए जाएं। अधिक से अधिक टेस्टिंग पर फोकस किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कोविड के ईलाज के जरूरी दवाईयों की ब्लैकमार्केटिंग न हो। यदि कोई दवा विक्रेता इसमें लिप्त पाया जाए तो तत्काल लाईसेंस निरस्त करते हुए सख्त से सख्त कार्यवही की जाए। कोविड से संबंधित सभी जरूरी उपकरण सरकारी अस्पतालों में उपलब्घ होने चाहिए। दवाईयों की कीमतों पर भी नियंत्रण रखा जाए। जिन जिलों में ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां नोडल अधिकारी तैनात किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल चारधाम यात्रा और हेमकुण्ड साहिब की यात्रा पर आने वालों के लिए आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी कर दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के बढ़ते मामलों से प्रदेश की आर्थिकी को होने वाले नुकसान को किस प्रकार कम से कम किया जा सकता है, इसकी कार्ययोजना तत्काल बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनैशन अभियान में भी तेजी लाई जाए। होम आइसोलेशन के लिए जरूरी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करवाया जाए। होम आईसोलेशन वालों को जरूरी किट दी जाए और उनसे लगातार सम्पर्क रखा जाए। कोविड केयर सेंटरों को मजबूत किया जाए। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि जनजागरूकता बहुत जरूरी है। किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना है, इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से लोगों को जानकारी दी जाए। बैठक में डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेश बगोली, एसए मुरूगेशन, सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश में बढ़ाये जा रहे है आईसीयू बेड

प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय ने बताया कि हर जिले में कोविड केयर सेंटर और आईसीयू के बेड बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। विशेष तौर पर देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी में बेड की संख्या काफी बढ़ाई जा रही है। बड़े अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों को भी 100-100 बेड की अतिरिक्त क्षमता सृजित करने को कहा गया है। देहरादून, रूड़की व काशीपुर में तीन आक्सीजन जनरेशन प्लांट कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त आठ नए आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए हैं। आक्सीजन पर्याप्त उपलब्ध है। सारे आईसीयू सही तरीके से संचालित हैं। नए डाक्टरों की तैनाती हुई है। हर जिले को 20-20 डाक्टर मिल जाएंगे। इसके अतिरिक्त आवश्यकता होने पर मेडिकल छात्रों की सेवाएं प्रशिक्षण देकर ली जा सकती हैं।

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