उत्तराखंड फुटबॉल रत्न अवार्ड से नवाजी गयी अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी अनीता रावत
देहरादून। उत्तराखंड के नेशनल फुटबाल कोच और क्लास वन रेफरी देहरादून फुटबाल अकैडमी के संस्थापक अध्यक्ष और हेड कोच, 7 अंतराष्ट्रीय, 23 राष्ट्रीय और 21 स्टेट अवार्ड से सम्मानित, सामाजिक कार्यकर्ता, खेल के विकास के लिए जीवन समर्पित, उत्तराखंड आंदोलनकारी, 2022 के युवा नेता वीरेन्द्र सिंह रावत ने अपने ऑफिस अपर नथनपुर इंद्रप्रस्थ कालोनी देहरादून मे बुलाकर उत्तराखंड की पहली फुटबॉल महिला खिलाड़ी अनीता रावत को उत्तराखंड फुटबाल रत्न अवार्ड 2019 बेस्ट प्लेयर और 2020 बेस्ट फुटबॉल कोच गल्र्स टीम के अवार्ड से नवाजा। अनिता रावत ने अपने फुटबाल की शुरुआत अपने पिताजी बिमल सिंह रावत से बचपन मे सीखी पिताजी आर्मी टीम में बेह्तरीन खिलाड़ी थे उसके बाद अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रत्न थापा जी से कुछ अनुभव लिया फिर 2011 मे अनीता रावत ने देहरादून फुटबाल अकैडमी (डी एफ ए) हेड कोच विरेन्द्र सिंह रावत ने आगे बढ़ाने मे सहयोग प्रदान किया अनीता पहली बालिका थी जिसने देहरादून फुटबाल अकैडमी मे रहकर अपने खेल का जलवा दिखाया अनीता रावत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर भारतीय टीम मे दो बार खेलकर, अनगिनत उत्तराखंड से जूनियर और सीनियर नैशनल खेलकर, इंडियन महिला लीग मे 3 साल से लगातार खेल रही है खेलकर अपना, अपने परिवार, राज्य का और कोच का नाम रोशन किया अनीता रावत ने उत्तराखंड के नैशनल कोच और देहरादून फुटबाल अकैडमी के हेड कोच विरेन्द्र सिंह रावत से एक खिलाड़ी के गुण तो सीखे साथ ही साथ एक बालिका और बालक टीम का कोच बनकर देहरादून फुटबाल अकैडमी का नाम भी रोशन किया और अपनी कोचिंग से बालिका टीम को जिला स्तर और राज्य स्तर के अनगिनत प्रतियोगिता को जीतकर अपना जलवा दिखाया, ऑल इंडिया चैलेंज कप में टीम को उपविजेता, ऑल इंडिया दूँन कप मे विजेता, ऑल इंडिया गढ़वाल यूथ कप मे उपविजेता बनाया था और आज भी अपने खेल से और कोचिंग से देहरादून फुटबाल अकैडमी का और राज्य का नाम रोशन कर रही है अनीता रावत उत्तराखंड की पहली अंतराष्ट्रीय, अनगिनत नैशनल खेली और इंडियन महिला लीग खेली खिलाड़ी है और कोच होते हुए भी बालिका टीम को तीन बार ऑल इंडिया प्रतियोगिता मे फाइनल तक पहुंचाया है जिताया है।
विरेन्द्र सिंह रावत ने जो बालिका का भविष्य बनाया उनको उचित मार्ग दर्शन दिए जिनमे मोनिका बिष्ट, अंजलि नेगी, शिल्पा नेगी, ज्योति गड़ीवाल, अंजलि बिष्ट, नेहा, जूनयाली, आदि रहे। हेड कोच विरेन्द्र सिंह रावत ने समय समय पर प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित और सम्मानित किया है पर आज भी उनको दुख बहुत है कि राज्य खेल फुटबाल की दुर्दशा पर क्युकी आज भी 20 साल से उत्तराखंड मे जिसकी भी सरकार आयी है उचित खिलाडियों को उनको ना तो सम्मानित किया गया ना ही उनके भविष्य के लिए कोई योजना बनाई गई है 70 प्रतिशत राज्य खेल फुटबाल उत्तराखंड के 13 जिलों मे खेला जाता है लेकिन खिलाडियों और कोचों के लिए कोई भी उचित व्यवस्था नहीं है इसलिए बालक और बालिका को मजबूर होकर पलायन करना पड़ता है हमारे द्वारा हजारों खिलाड़ी, कोच और रेफरी का 20 साल में उचित भविष्य बनाया है लेकिन सभी युवा अन्य राज्यों की ओर रुख कर रहे है इसी कड़ी मे अनीता रावत को भी महाराष्ट्र की ओर नौकरी के लिए रुख करना पड़ रहा है रोजगार के लिए ना सरकार का कोई उदेश्य है ना नियत लाखो युवा बेरोजगारी की दंश झेल रहे हैं युवा खिलाडी बेरोजगारी की बाट जोख रहा है। पता नहीं कब वो सुनहरे दिन आयेंगे की पहाडियों को पहाड़ मे ही रोजगार मिलेगा और अन्य सुविधा, इसलिए मजबूर होकर विरेन्द्र सिंह रावत को 2022 मे विधान सभा के चुनाव मे आना पड़ रहा है जिससे कि राज्य के युवाओ को उनका हक दिला सके और राज्य का उचित निर्माण हो सके।