उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रंगनाथन सेवानिवृृत्त, फुलकोर्ट रिफरेंस के साथ दी गई भावपूर्ण विदाई
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। उनके सम्मान में फुलकोर्ट रिफरेंस आयोजित कर उन्हें विदाई दी गई। इस मौके पर वक्ताओं ने न्यायमूर्ति रंगनाथन के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 21 माह के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि वह अपने ऐतिहासिक निर्णयों से हमेशा प्रदेश की जनता की दिलों में रहेंगे।
विदाई समारोह में मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन ने न्यायिक कार्यों के निर्वहन में उनके स्टाफ, सहयोगी जजों, रजिस्ट्री कार्यालय व डॉक्टरों द्वारा दिए गए सहयोग के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनका गृहक्षेत्र केरल कई मामलों में सुंदर प्रदेश है, किंतु उत्तराखंड जैसी सुंदरता अन्यंत दुर्लभ है। उन्होंने बताया कि 21 माह के कार्यकाल की अवधि में उत्तराखंड के अधिकांश रमणीय स्थानों का भ्रमण किया, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे कुछ स्थानों पर नहीं जा पाए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोविड-19 के कारण सबसे अधिक न्यायपालिका प्रभावित हुई है। इसके बाद भी वीडियोकांफ्रेंसिंग से काफी वादों की सुनवाई हो रही है। उन्होंने इस दौर में वरिष्ठ अधिवक्ताओं से जूनियर व जरूरतमंद अधिवक्ताओं की मदद करने की अपील की। न्यायमूर्ति रंगनाथन ने कहा कि हिंदी भाषा उनकी कमजोर थी, लेकिन अधिवक्ताओं ने हिंदी का अंग्रेजी अनुवाद कर उनकी मदद की।
इस अवसर पर वरिष्ठ न्यायधीश रवि मलिमथ ने मुख्य न्यायधीश द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि ये फैसले हमेशा याद रखे जाएंगे। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के अंतिम दिन भी उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए एनआइटी का स्थायी कैंपस बनाने का महत्वपूर्ण आदेश पारित किया
समारोह को महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरन सिंह बिष्ट ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर न्यायधीश सुधांशु धुलिया, न्यायधीश लोकपाल सिंह, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, न्यायमूर्ति मनोज तिवारी, न्यायमूर्ति शरद शर्मा, न्यायमूर्ति एनएस धानिक, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा आदि उपस्थित थे। संचालन रजिस्ट्रार जनरल हीरा सिंह बोनाल ने किया।