उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

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पिथौरागढ़। विभिन्न संगठनों ने पर्वतीय प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने डीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य गठन के लिए कई लोगों ने प्राण गंवाए। लेकिन आज हम अपने ही प्रदेश में यहां के मूल निवासी नहीं हैं। हमारे अपने कोई अधिकार नहीं हैं। मंगलवार को आम आदमी पार्टी, व्यापार संघ, भगवा रक्षा वाहिनी सहित विभिन्न संगठन के लोग कलक्ट्रेट पहुंचे और डीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा जिस राज्य के निर्माण के लिए यहां के मूल निवासियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया आज उनके पूर्वज अपने ही राज्य के मूल निवासी नहीं हैं। उत्तराखंड में पड़ोसी राज्य के लोगों का दखल लगातार बढ़ने से यहां की संस्कृति के लिए खतरा पैदा हो गया है। साथ ही यहां के मूल निवासी आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़ते जा रहे हैं। बाहरी लोग यहां की जमीन आसानी से खरीद रहे व उस पर कब्जा कर रहे हैं जो यहां के मूल निवासियों के अधिकारों का हनन है। कहा यहां के लोगों की भावनाओं व उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए उत्तराखंड में भूकानून, मूल निवास 1951लागू होना चाहिए और पर्वतीय प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, ताकि यहां के निवासी खुशहाल जीवन जी सकें। चेतावनी देते हुए कहा शीघ्र इस पर गंभीर निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेश का हर व्यक्ति सड़कों पर उतरेगा। इस मौके पर आप के गोविंद सिंह विष्ट, भगवा रक्षा वाहिनी के जिलाध्यक्ष हरीश कुमार, व्यापार संघ अध्यक्ष शमशेर महर, दीपक जोशी, कैलाश पुनेठा सहित कई लोग शामिल रहे।

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