उत्तराखंड में दारोगाओं की प्रोन्नति की उम्मीद बढ़ी, हलचल शुरू
देहरादूना। उत्तराखंड में तीन साल से बाधित दारोगाओं की पदोन्नति प्रक्रिया जल्द आरंभ होने की उम्मीद बढ़ गई है। संशोधित सेवा नियमावली गृह विभाग को भेजी
जा चुकी है। इधर, पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों व इकाइयों से दस वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके दारोगाओं की सर्विस बुक को अपडेट कर लेने का निर्देश दिया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि दारोगाओं की पदोन्नति का इंतजार भी जल्द खत्म हो सकता है।
करीब दो साल पहले इससे संबंधित नियमावली बनाई गई थी, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। दरअसल, पदोन्नति में एनुअल कैरेक्टर रिमार्क (एसीआर)
या वरिष्ठता को आधार बनाया जाना था। इस पर अंतिम निर्णय के लिए शासन में पुलिस महकमे के साथ गृह विभाग की कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन स्थिति
पहले जैसे ही रही।
पहले प्रमोशन में आरक्षण के मसले को कारण भी माना जा रहा था, लेकिन अदालत के स्पष्ट के आदेश के बाद प्रमोशन की आस जो जगी वह फिर से दूर की कौड़ी
साबित होने लगी। एक महीने पहले इंस्पेक्टरों के भी सीओ के पद पर पदोन्नति कर दी गई और दारोगाओं की संशोधित सेवा नियमावली को अंतिम रूप देकर गृह
विभाग को भेज दिया गया। सूत्रों की मानें तो सेवा नियमावली को कभी भी हरी झंडी मिल सकती है।
यही वजह है कि आइजी कार्मिक पुष्पक ज्योति ने एसटीएफ, पीटीसी नरेंद्रनगर, अभिसूचना मुख्यालय, एटीसी हरिद्वार, विजिलेंस, एसडीआरएफ, सीबीसीआइडी समेत
सभी जिलों से एक जुलाई 2020 को दस साल की सेवा पूर्ण कर चुके दारोगाओं की सेवा पुस्तिका अपडेट करने का निर्देश जारी किया है।