उत्तराखंड में गवाह सुरक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू न करने पर सरकार से मांगा जवाब
नैनीताल। हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में गवाह सुरक्षा नीति को अभी तक प्रभावी रूप से लागू नहीं कराए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी रूहानी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है कि प्रदेश में अभी तक गवाह सुरक्षा पलिसी नहीं बनाई गई है, जिस वजह से गवाहों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश के हर जिले में गवाह सुरक्षा समितियां बनाई जाय और हर जिले में एक महिला थाने की स्थापना भी की जाय जिसमें पीड़ित महिला और गवाह अपनी शिकायत दर्ज करा सके। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि यह पालिसी बनाई गई है परन्तु सभी जिलों में प्रभावी रूप से लागू नही की गई है। जिस पर खण्डपीठ ने राज्य सरकार से इस सम्बंध में एक विस्तृत शपथपत्र तीन सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई तीन सप्ताह नियत की है।