उत्तराखंड में सात सालों से लोकायुक्त का पद खाली, 1543 मामले लम्बित

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काशीपुर। उत्तराखंड में सात सालों से लोकायुक्त का पद रिक्त हैं। इस अवधि में लोकायुक्त कार्यालय को 904 शिकायत प्राप्त हुई है। जबकि कुल 1543 मामले लम्बित हैं। इनमें ज्घ्यादे मामले भ्रष्टाचार की शिकायतों के हैं। मार्च 2020 तक 13 करोड़ 38 लाख रुपये बिना लोकायुक्त के लोकायुक्त कार्यालय पर खर्च भी हो गए हैं। यह खुलासा सूचना का अधिकार के अन्तर्गत लोकायुक्त कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता ने कार्मिक विभाग के लोक सूचना अधिकारी से लोकायुक्त की नियुक्ति तथा लोकायुक्त कार्यालय को प्राप्त शिकायतों व खर्च के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी। कार्मिक विभाग के लोक सूचना अधिकारी ने लोकायुक्त की नियुक्ति के सम्बन्ध में कार्यवाही सम्बन्धी कोई सूचना धारित न होने तथा लोकायुक्त का पद 24 सितम्बर 2013 से रिक्त होने की सूचना उपलब्ध करायी।
लोकायुक्त कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने लम्बित व प्राप्त शिकायतों, अभिकथनों तथा पद रिक्त होने के वर्ष 2013-14 से 30 सितम्बर 2020 तक हुये खर्च की वर्षवार सूचना उपलब्ध करायी। उपलब्ध सूचना के अनुसार लोकायुक्त का पद रिक्त होने की तिथि को 566 शिकायतें तथा 73 अभिकथन (भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें) लम्बित है। लोकायुक्त का पद रिक्त होने की तिथि से 904 शिकायतें लम्बित है। वर्तमान में कुल 1543 शिकायतें लम्बित है जिसमें 74 अभिकथन तथा 1470 शिकायतें हैं।
सूचना के अधिकार के तहत जानकारी में खुलासा हुआ है कि लोकायुक्त का पद रिक्त होने के वित्तीय वर्ष 2013-14 से सितम्बर 2020 तक लोकायुक्त कार्यालय पर 13 करोड़ 38 लाख 89 हजार 303 रूपये की धनराशि खर्च हो चुकी है। इसमें 2013-14 में 162़05 लाख, 2014-15 में 145़12 लाख, 2015-16 में 113़52 लाख, 2016-17 में 176़89 लाख, 2017-18 में 188़89 लाख, 2018-19 में 213़46 लाख वर्ष 2019-20 में 209़51 लाख तथा 2020-21 में सितम्बर 2020 तक 110़02 लाख की धनराशियां शामिल है।

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