उत्तराखंड नवनिर्माण सेना ने किया वर्चुअल विरोध-प्रदर्शन
देहरादून। उत्तराखंड नवनिर्माण सेना द्वारा राज्य में निरन्तर बढ़ती बेरोजगारी, बदहाल आर्थिक हालात एवं अवसाद के चलते देवभूमि में घटित होती आत्महत्या जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के परिपेक्ष्य में विरोध प्रकट किया गया। इस वर्चुअल विरोध प्रदर्शन में संगठन पदाधिकारिओं द्वारा प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से राज्य की जनता से संवाद स्थापित किया। संघठन वक्ताओं ने कहा की राज्य में सत्ता में आसीन सरकारें रोजगार के नय माध्यम सृजित करने एवं राज्य की आर्थिक व्यस्थाओं को दुरुस्त करने में पूर्णत: विफल रही हैं। राज्य में कोरोना महामारी से पूर्व भी राज्य के आर्थिक हालात असंतुलित थे, किन्तु महामारी के चलते हजारों की संख्या में व्यापारिक लघु इकाइयों बंद हुई, जिसके परिणाम स्वरूप लाखों लोग बेरोजगार हुए।
इसमें कोई संशय नहीं की राज्य शिक्षित बेरोजगारों की बढ़ती संख्या तथा महामारी के चलते दूसरे राज्यों से आए प्रवासी भाइयों के लिए वर्तमान सरकार रोजगार के साधन करे में पूरी तरह विफल रही है। सरकार द्वारा उठाय कदमों का कोई भी सकारात्मक प्रभाव अब तक सेवा, उद्योग एवं कृषि क्षेत्रों में सामने नहीं आया। आर्थिक संसाधनों के कमी एवं अवसाद के चलते राज्य में गत माह में 50 से ऊपर आत्महत्याओं जैसी दुखद एवं दुर्भग्यपूर्ण घटनाएं घटित हुई, किन्तु संवादहीनता के चलते राज्य सरकार द्वारा ना ही इनके परिपेक्ष संज्ञान लिया गया और ना ही इन पर अंकुश लगाने हेतु कोई कदम उठाये गए। वर्तमान परिस्थिओं में राज्य इंजीनिरिंग तथा एमएससी, बीटेक किये युवा मनरेगा के माध्यम से मजदूरी खोज रहे हैं, किसी भी राज्य के लिए इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी। कहा कि राज्य की जनता एवं व्यापारी वर्ग को बिजली पानी एवं टैक्सों में नवम्बर तक छूट प्रदान की जाय। समाप्त होती क्रय शक्ति बढ़ाने हेतु जनता एवं लघु उद्यमिओं को सरकार प्रोत्साहित करे एवं ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किये जाएं। पर्वतीय क्षेत्र में कार्य करने वाले समूहों एवं कुटीर उद्योगों बढ़ावा देने हेतु स्किल्स सेंटर तैयार हों तथा सशक्त बिजनेस मॉडल खड़ा हो जिसमें पेकिंग, क्वलिटी तथा मार्जिन पर बेहतर कार्य हो, युवाओं को एक्सपोर्ट से सम्बंधित बरीकियों के बारे में सिखाया जाए। कोरोना के चलते बदलते व्यापारिक प्रारूप में प्ज् सेक्टर अहम् भूमिका निभा रहा है प् बेहतर की राज्य के प्रत्येक जिले में हब का निर्माण हो। राज्य में पर्यटन के स्थान पर तीर्थाटन को बढ़ावा दिया जाय तथा जारी बजट की मद बढ़ाई जाए। अवसाद के चलते हो रही आत्महत्याओं पर अंकुश लगाने हेतु जिला अधिकारी के माध्यम से कारणों की विस्तृत जाँच हो तथा अवसाद पर अंकुश लगाने हेतु मनोचिकत्सकों की नियुक्ति की जाय। जनता एवं उद्यमिओं की समस्या निराकरण हेतु राज्य स्तर पर आर्थिक कमेटी का गठन हो जिसके अंतर्गत समस्त जिला अधिकारिओं सहित आर्थिक विशेषज्ञों को स्थान दिया जाय। भविष्य में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने हेतु शिक्षित एवं साधारण परिवारों से आने वाले युवाओं का राज्य व्यवस्था अर्थात राजनितिक व्यवस्था में प्रतिभाग बढ़ाया जाए। आने वाले वर्षों में त्रिस्तरीय, नगम एवं नगर पंचायत, विधान सभा स्तर पर राज्य के शिक्षित युवा ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रतिभाग करें, उत्तराखंड नवनिर्माण सेना इस दिशा में प्रयासरत है। कार्यक्रम में शीशपाल बिष्ट, सुशील कुमार, संजय क्षेत्री, अनूप सक्सेना, बिजेंद्र बिष्ट आदि ने प्रतिभाग किया।