वन संरक्षक गढ़वाल ने पिंडरघाटी के वन क्षेत्रों का मुआयना किया
नारायणबगड । जनपद चमोली भ्रमण पर पहुंचे वन संरक्षक गढ़वाल नित्यानंद पांडे ने मंगलवार को पिंडरघाटी के वन क्षेत्रों का मुआयना किया। उन्होंने वन विश्रामगृह में अधिकारियों को क्षेत्र में सड़क निर्माण के दौरान कार्यदायी संस्थाओं की ओर से मलबा वन भूमि व नदियों में डाले जाने पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिंडरघाटी में आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण मोटर मार्गो पर कार्य गतिमान है और ग्रामीणों की ओर से शिकायतें मिलने के बाद ऐसे स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर संबधित क्षेत्र के वन अधिकारियों व कर्मियों को कार्यदायी संस्था के विरूद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि लगातार वन विभाग ग्रामीणों से जंगलों की आग रोकने में सहयोग की बात कर रहा है लेकिन शिकायतें मिली हैं कि चारापत्ती के लिए अज्ञात ग्रामीण वनों में आग लगा रहे हैं जिस पर नजर रखी जा रही है और पकड़े जाने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वन संरक्षक गढ़वाल एनएन पांडे ने बताया भ्रमण के दौरान उनके द्वारा जायका व वन विभाग के कार्यो का स्थलीय निरीक्षण भी किया जा रहा है। साथ ही विभागीय योजनाओं के स्थलीय निरीक्षण के साथ-साथ वन पंचायतों व आम जनता से संवाद स्थापित कर वनों के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ वन पंचायतों को सुदृढ़ कर आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद चमोली में 1000 वन पंचायतों में से 67 वन पंचायतों में जायका कार्य संचालित हो रहे हैं जिसे दो सौ वन पंचायतों तक पहुंचाया जा रहा है। वनों में सर्दी के मौसम में लगी आग के सवाल पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण अपने मवेशियों के लिए चारे के लिए वनों को आग के हवाले कर रहे हैं, जो नही होना चाहिए। जंगली जानवरों के उत्पात से बंजर हो रही खेती पर उन्होंने कहा कि बंदरबाड़ा एवं सुअर विरोधी दीवार का निर्माण किया जाएगा। बंदरों को पकड़कर हरिद्वार ले जाकर उनका बंध्याकरण किया जा रहा है। निर्माणाधीन सड़कों के कारण तबाह हो रहे वन क्षेत्रों के क्षतिपूर्ति के तौर पर अन्य क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर वनों का विस्तार किया जा रहा है। इस मौके पर डीएफओ अलकनंदा वन प्रभाग गोपेश्वर सर्वेश्वर कुमार, वन क्षेत्राधिकारी बदरीनाथ वन प्रभाग जुगल किशोर चौहान सहित अन्य मौजूद रहे।