वनाधिकार कानून के तहत राज्य के लोगों को उनका हक हकूक मिले : किशोर

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ऋ षिकेश। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि वनाधिकार कानून के तहत राज्य के लोगों को उनका हक हकूक मिलना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने की बात भी कहीं। ऋषिकेश में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पत्रकार वार्ता में वनाधिकार आंदोलन के प्रमुख विंदुओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश को वनवासी प्रदेश घोषित कर राज्यवासियों को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण दिया जाए। एक सर्वे के अनुसार एक पेड़ सालभर में 74500 रुपये की बचत करता है। ऐसे में जंगल में रहने वाले लोगों को गैस सिलेंडर निशुल्क दिया जाना चाहिए। इससे ईंधन की बचत होने के साथ पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता है। बिजली और पानी भी मुफ्त करने की मांग दोहरायी। किशोर उपाध्याय ने कहा कि युवाओं के रोजगार के लिए उत्तराखंड में उगने वाली जड़ी बूटियों के दोहन का अधिकार स्थानीय समुदाय को दिया जाए। उत्तराखंड का अधिकांश इलाका वनों से सटा है। यहां पर जंगली जानवर किसी व्यक्ति को घायल या फिर निवाला बनाते हैं, तो पीड़ित व मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से भराडीसैंण में होने वाले अंतिम विस सत्र में वन अधिकार अधिनियम 2006 को उत्तराखंड में लागू करने की मांग की है। उपाध्याय ने कहा कि टीएचडीसी मुख्यालय को अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने चकबंदी करने की बात भी कही। मौके पर कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, विजयपाल रावत, मनोज गुसाईं, दिनेश सकलानी, विनोद सकलानी उपस्थित रहे।

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