वैश्विक जलवायु सम्मेलन में पीएम मोदी बोले- पेरिस समझौते को हासिल करने के ट्रैक पर है भारत

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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पेरिस समझौते के पांच साल पूरे होने के मौके पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से आयोजित किए गए वैश्विक जलवायु सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत न केवल पेरिस समझौते को हासिल करने के ट्रैक पर है वरन उम्मीदों से आगे बढ़कर उनपर काम भी कर रहा है। भारत ने साल 2005 के मुकाबले अपनी कार्बन उत्सर्जन तीव्रता को 21 फीसद तक कम किया है।
वर्चुअल माध्घ्यम के जरिए आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 2014 में 2़63 गीगा वाट से बढ़कर अब 2020 में 36 गीगा वाट हो गई है। हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विश्व में चौथे नंबर पर है। यह साल 2022 से पहले 175 गीगा वट हो जाएगी। हमें न केवल अपनी महत्वाकांक्षाओं को संशोधित करना चाहिए वरन निर्धारित लक्ष्यों पर अपनी उपलब्धियों की समीक्षा भी करनी चाहिए।
पिछले महीने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अलग-थलग होकर लड़ाई लड़ने के बजाय एकजुटता के साथ, व्यापक और समग्र सोच को अपनाया जाना चाहिए। भारत पेरिस समझौते के अपने लक्ष्य को हासिल कर रहा है। भारत ने पर्यावरण के अनुरूप रहने की अपनी परंपरा और सरकार की प्रतिबद्घता के चलते कम कार्बन उत्सर्जन की प्रक्रिया को अपनाया है। उन्होंने कहा था कि विश्व तभी तेज गति से प्रगति कर सकता है जब विकासशील देशों को बड़े पैमाने पर तकनीक और वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाए।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से काफी पहले ही अलग हो चुका है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कल शुक्रवार को कहा था कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के लिए भारत जिम्मेदार नहीं है। भारत उन चंद देशों में शामिल हैं जो पेरिस समझौते का पालन कर रहा है। वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारत की हिस्सेदारी महज 6़8 फीसद है जबकि चीन की हिस्सेदारी 30 फीसद तक है। मौजूदा परिदृश्घ्य में कोई भी विकसित देश पेरिस समझौते का अनुपालन नहीं कर रहा है। दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जो जलवायु परिवर्तन पर किए गए वादों के मुताबिक काम कर रहा है।

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