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नहीं रहे गरीबों के पैरवीकार………सीपीएम नेता वीरेंद्र भंडारी का निधन

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देहरादून। उत्तराखंड के जाने माने सीपीएम नेता वीरेंद्र भंडारी का आज सुबह निधन हो गया है। वे 74 वर्ष के थे। तीन दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। उन्होंने रायपुर रोड स्थित अधोईवाला आवास में उन्होंने सुबह अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे पत्नी व दो बच्चे हैं। उनकी अन्तयेष्टि कोरोना प्रोटोकोल के तहत रायपुर शवदाह गृह में किया गया। सीपीएम ने उनके पार्थिव शरीर पर झंडा चढ़ाकर अंतिम विदाई दी। कोई भी श्रमिक आंदोलन हो, उसमें वीरेंद्र भंडारी सबसे आगे नजर आते थे। वह श्रमिकों के अधिकार के लिए आंदोलन करने के साथ ही उनकी लड़ाई लेबर कोर्ट तक पहुंचाते थे। इसलिए वे श्रमिकों में काफी लोकप्रिय नेता थे। पिछले तीन साल से कैंसर रोग से भी ग्रस्त थे। वीरेन्द्र भंडारी ने छात्र जीवन से राजनीति शुरू की थी। वे रायपुर पंचायत के उपप्रधान रहे। अधिवक्ता के रूप में वे मजदूरों के पक्षधर रहे। वे सीआईटीयू के संस्थापकों में से एक थे। उनके पार्थिव शरीर पर पार्टी की ओर राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी ने झंडा चढ़ाया। उनकी अन्तिम विदाई के लिए उनके आवास पर पार्टी व जनसंगठनों अनेक नेता मौजूद थे।

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