कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी है समस्या
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सरकारी सिस्टम के लिए जनता की जान की कोई कीमत नहीं है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर देखने को मिल रहा है, जहां बरसाती रपटे पर आवागमन के लिए बनी दो पुलिया में से एक पुलिया क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। नतीजा, क्षतिग्रस्त पुलिया के समीप स्थित दूसरी पुलिया से ही वाहनों का संचालन हो रहा है। कमजोर स्थिति में खड़ी यह पुलिया भी कब क्षतिग्रस्त हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। जबकि, उक्त पुलिया की क्षमता निर्धारित है। यदि यह पुलिया भी टूटी गई तो कोटद्वार से पहाड़ का संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग से कट जाएगा। चौंकाने वाले बात तो यह है कि पुलिया को क्षतिग्रस्त हुए दो वर्ष से आधिक का समय हो चुका है और अब तक इसकी मरम्मत की सुध नहीं ली गई।
आमसौड़ से करीब एक किलोमीटर पहले बरसाती रपटे पर दोनों ओर से आवागमन करने वाले वाहनों के लिए दो पुलिया का निर्माण करवाया गया था। लेकिन, दो वर्ष पूर्व वर्षाकाल के दौरान एक पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई थी। पुलिया का पिल्लर जमीन से खिसकने लगा था। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग ने पुलिया के दोनों ओर मिट्टी एकत्रित कर इस पर आवागमन रुकवा दिया था। इसके बाद उसी के समीप बनी एक अन्य पुलिया से आवागमन हो रहा है। पूर्व में वाहन चालक इन दोनों पुलिया का प्रयोग एक ओर आवागमन के लिए करते थे। लेकिन, क्षतिग्रस्त पुलिया के कारण उसकी समीप खड़ी दूसरी पुलिया पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है। पुलिया की क्षमता इतनी नहीं है कि वह एक के बाद एक भारी वाहनों का भार उठा सके। ऐसे में इसकी स्थिति भी कब बिगड़ जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ माह पूर्व गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने हाईवे का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को जल्द व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के निर्देश दिए थे। लेकिन, सिस्टम अब भी लापरवाह बना हुआ है।
हादसों का बना है अंदेशा
राष्ट्रीय राजमार्ग पर संकरी पुलिया पर दोनों ओर से आवागमन कर रहे वाहनों के कारण हर समय दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। कुछ दिन पूर्व बाइक सवार को बचाने के चक्कर में एक रोडवेज की बस पुलिया से नीचे गिरते-गिरते बच गई थी। ऐसे में वर्तमान में पर्यटक सीजन भी शुरू हो चुका है। बावजूद इसके अब तक पुलिया मरम्मत की सुध नहीं ली गई। पुलिया के समीप आवागमन के लिए पर्याप्त मार्ग नहीं मिलने से जाम की समस्या भी बनी रहती है।